Yeh Bhi Jhooth Hai

Edition: 2024, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Yeh Bhi Jhooth Hai

सामंतशाही के गर्भ से जन्मे पूंजीवाद के वीभत्स चेहरे को सामने लाने का काम भारी जोखिम और चुनौती से भरा हुआ है। पूंजीवाद के ढहते किले की कमजोर दीवारों से झड़ती रेत को देखना भी कम साहस भरा काम नहीं है। लेकिन सुपरिचित लेखिका दिनेश नंदिनी डालमिया ने अपने इस उपन्यास में ऐसी तमाम रचनात्मक चुनौतियों को स्वीकार किया है। सड़े-गले समाज में दम तोड़ते विखंडित जीवन-मूल्यों की ही अविस्मरणीय अंतरकथा है यह उपन्यास ।

जिस समाज में सच के पक्ष में खड़े होना ही एक दुर्लभ दृश्य बन गया हो, जिस समाज में सरेआम सच्चाई पर झूठ और पाखण्ड का शासन चल रहा हो, जिस समाज में सच जीवित इंसानों के सीनों में दम तोड़ते सपनों में बदल गया हो, यह उपन्यास उसी समाज में जड़ और गतिहीन सम्बन्धों के अंतर्द्वद्ध को उजागर करता है।

विघटन की अनिवार्य शर्तों के विरुद्ध मानवीय सम्वेदनाओं के पक्ष में जूझते पात्रों की त्रासदी इस उपन्यास के केन्द्र में है। पृष्ठभूमि में है, स्वार्थ का कुरुक्षेत्र। सुई की नोक-बराबर भी अधिकार न देने वाले स्वार्थों की जमीन पर लड़े जा रहे महाभारत की कहानी ही इस उपन्यास में दर्ज है।

अनुभव की प्रामाणिकता और लम्बे जीवन-संघर्ष की अमूल्य विरासत से जुड़ी लेखिका अपने समाज को जिस आत्मीयता और निजता से महसूसती, देखती और अभिव्यक्त करती है, उसमें व्यवहार और सिद्धान्त के बीच कोई खाई नहीं है।

इसके शब्द सहज घटनाओं को अपनी विश्वसनीयता सौंपते हुए पाठक को अपनी जकड़ में लिये चलते हैं। कुल मिलाकर यह उपन्यास हमारे समय की एक महत्त्वपूर्ण कृति है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1993
Edition Year 2024, Ed. 3rd
Pages 376p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Author: Dinesh Nandini Dalmiya

दिनेश नंदिनी डालमिया

जन्‍म : 16 फरवरी, 1928

राजस्थान के उदयपुर शहर में जन्मी दिनेश नन्दिनी डालमिया ने सन् 1944 में नागपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. किया।

छात्रा थीं, तभी से लिखना शुरू किया। गद्य-गीत रचना में विशेष रुचि रही।

प्रमुख कृतियाँ : गद्य-गीत संग्रह—‘शबनम’, ‘मौक्तिमाल’, ‘शारदीया’, ‘दुपहरिया के फूल’, ‘वंशीरव’, ‘उनमन’, ‘स्पन्दन’, ‘शर्वरी’, ‘चिन्तन’; कविता-संग्रह—‘सारंग’, ‘मनुहार’, ‘प्रतिच्छाया’, ‘उरवाती’, ‘इति’, ‘जागती हुई रात’, ‘हिरण्यगर्भा’; उपन्यास—‘मुझे माफ़ करना’, ‘आहों की बैसाखियाँ’, ‘कंदी का धुआँ’, ‘सूरज डूब गया’, ‘फूल का दर्द’, ‘आँख मिचौली’, ‘यह भी झूठ है’; कहानी-संग्रह—‘चूड़ी चटक गई।’

सम्मान : उत्तर प्रदेश का ‘प्रेमचन्द पुरस्कार’, ‘सेकसरिया पुरस्कार’, ‘पद्मभूषण’ आदि से सम्‍मानित।

निधन : 25 अक्‍टूबर, 2007

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