Vey Bahattar Ghante

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Vey Bahattar Ghante

राजेश माहेश्वरी की कहानियाँ अपनी बनावट में जितनी भिन्न हैं, उतना ही इन कहानियों का रसास्वादन भिन्न है। संग्रह के नाम को सार्थक करनेवाली कहानी ‘वे बहत्तर घंटे’ मानवीय करुणा और त्याग की भावना से ओतप्रोत है। कहानी में गुजरात में आए भयंकर अकाल का चित्रण मार्मिक है। ऐसी कठिन परिस्थिति में गौ-रक्षा के लिए वहाँ के लोगों की तत्परता न केवल सराहनीय है, बल्कि दिल को छू लेनेवाली है। वहीं 'माँ' कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जो अनाथ बच्चों के लिए कुछ करना चाहते हैं। कहानी ‘मित्रता’ हमेशा से चली आ रही हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल को कुछ नए ही तरह से पुन: क़ायम करती है। राजस्थान के परिवेश में बुनी गई कहानी ‘पनघट’ हमारे समाज की घृणित कर देनीवाली सच्चाई को बिना किसी लाग-लपेट के सीधे शब्दों में प्रस्तुत करती है। अन्य कहानियाँ अपनी सरलता लिए पाठकों तक अपनी बात पहुँचाने में सक्षम हैं।

संकलन की ये छोटी-छोटी कहानियाँ बाग़ के उन छोटे-छोटे फूलों की तरह हैं जो खिलकर बागान को ख़ुशनुमा बना देते हैं और देर तक जिनकी ख़ुशबुएँ हमें तरो-ताज़ा करती रहती हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 100p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Rajesh Maheshwari

Author: Rajesh Maheshwari

राजेश माहेश्वरी

31 जुलाई, 1954 को जन्मे राजेश जी वर्तमान में परपैक्ट ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज तथा साउथ एवेन्यू मॉल के डायरेक्टर हैं। आप सेठ मन्नूलाल जगन्नाथदास चेरिटेबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टि‍ट्यूट, पद्मराज चेरिटेबल ट्रस्ट तथा भारतीय कला संगम ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। आप जबलपुर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष और पैट्रन मेम्बर हैं एवं एलायन्स क्लब इंटरनेशनल के अन्तरराष्ट्रीय निदेशक हैं।

आपने अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, फ़्रांस, इंग्लैंड, बेल्जियम, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, हांगकांग, मकाऊ, थाइलैंड और मलेशिया सहित विभिन्न देशों का भ्रमण किया है।

ई-मेल : mrityubodh@gmail.com

 

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