Sochati Hain Auraten

Author: Kumar Nayan
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Sochati Hain Auraten
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हिन्दी के पायेदार कवि-शायर कुमार नयन की कविताएँ अपने समय के जनमूल्यों से जुड़ती हुई करुणा, न्याय, प्रेम और प्रतिरोध की धारा रचती हैं। कवि की मानें तो ‘यह आग का समय है और उसके पास सिर्फ़ प्रेम है’, जिसके सहारे रोज़ बदलती दुनिया में उसे विश्वास है कि ‘प्यार करने को बहुत कुछ है इस पृथ्वी पर।’ कुमार नयन की कविताओं का एक-एक शब्द अपने ख़िलाफ़ समय से इस उद्घोष के साथ संघर्षरत है कि ‘तुम्हारी दुनिया बर्बर है, तुम्हारे क़ानून थोथे हैं।’ ये शब्द अपनी नवागत पीढ़ी से करुण भाव में क्षमा-याचना करते हैं, ‘क्षमा करो मेरे वत्स, तुम्हें बचपन का स्वाद नहीं चखा सका।’

लोकतंत्र के तीनों स्तम्भ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका को पूँजी साम्राज्यशाही की चाकरी में दंडवत् देख कवि-मन आहत हो चौथे स्तम्भ मीडिया की ओर भरोसे से देखता है, लेकिन वहाँ से भी उसका मोहभंग हो जाता है, जब वह देखता है कि 'अन्य कामों के अतिरिक्त/एक और काम होता है अख़बार का/आदमी को आदमी नहीं रहने देना।' वस्तुत: मनुष्य को मनुष्य की गरिमा में प्रतिष्ठित देखने की सदिच्छा ही इन कविताओं के मूल में है, जिसके लिए मनुष्य विरोधी सत्ता-व्यवस्था के प्रतिरोध में कवि मुसलसल अड़ा दिखता है।

कुमार नयन की कविताएँ स्त्री के प्रेम, संघर्ष और निर्माण के प्रति अपनी सम्पूर्ण त्वरा के साथ एक अनोखी दास्तान रचती हैं। स्त्री के विविध रूपों के चित्रण में कवि की संवेदनक्षम दृष्टि उसे सृष्टि के नवनिर्माण की धातृ के रूप में प्रतिष्ठित करती जान पड़ती है। कविताओं में एक प्रकार का ख़ौफ़, आतंक, भय और संशय का स्वर प्रभावी दीख पड़ता है, जबकि कुमार नयन प्रेम और विश्वास के कवि हैं। पाठक इस द्वैत को समझ पाएँ तो उन्हें इन कविताओं का आत्मिक आस्वाद प्राप्त होगा!

—शिव नारायण सम्पादक, 'नई धारा'।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 159p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Kumar Nayan

Author: Kumar Nayan

कुमार नयन

जन्म : 5 जनवरी, 1955

शिक्षा : एम.ए., एल.एल.बी.।

प्रमुख कृतियाँ : ‘पाँव कटे बिम्ब’ (कविता-संग्रह); ֹ‘आग बरसाते हैं शजर’, ‘एहसास’, ‘ख़याल-दर-ख़याल’, ‘दयारे हयात में’ (ग़ज़ल-संग्रह)।

दूरदर्शन, आकाशवाणी से अनेक बार ग़ज़लें, कविताएँ प्रसारित। भोपाल, रायपुर, अम्बिकापुर, दिल्ली, पटना, मुज़फ़्फ़रपुर, जमशेदपुर, देवघर, आसनसोल सहित देश के अनेक शहरों में ग़ज़ल-पाठ आयोजित।

सम्मान : ‘बिहार भोजपुरी अकादमी सम्मान’, बिहार राजभाषा द्वारा ‘दिनकर पुरस्कार‘, ‘कथा हंस पुरस्कार’, ‘निराला सम्मान’, ‘ग़ालिब सम्मान’, ‘अवितोको पुरस्कार’ आदि।

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन, 'भोज-थियेटर' (लोक सांस्कृतिक मंच) से सम्बद्ध।

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