Shreshth Lalit Nibandh : Vol. 2

Edition: 2012, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Shreshth Lalit Nibandh : Vol. 2
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‘ललित निबन्ध' नाम से ख्यात व्यक्तित्व-प्रधान निबन्ध-विधा की भारतीय भाषाओं में अलग-अलग संज्ञा है, पर सबकी प्रकृति एक ही है। निबन्ध शैली में रचित ललित निबन्ध के विधा-वैशिष्ट्य को संक्षेप में रेखांकित करने की चेष्टा प्रथम खंड के सम्पादकीय वक्तव्य में की गई है।

प्रस्तुत खंड में संकलित हिन्दीतर भारतीय भाषा के निबन्धों को देखकर भारतीय साहित्य की एक विशिष्ट विधा का परिचय मिल जाएगा। संक्रमण काल के जातीय परिदृश्य और संवेदना की व्यंजक अभिव्यक्ति से यह विधा अपेक्षाकृत अधिक उपयुक्त है। इसकी उन्मुक्त प्रकृति अधिक सम्भावनापूर्ण है। हास-परिहास और गपशप के व्याज से ज्वलन्त सांस्कृतिक प्रश्नों, मनुष्य की अस्मिता और धूमायित करनेवाले मानव-प्रणीत प्रपंच-प्रदूषण और समाज के अधोमुखी प्रवाह पर तीखा व्यंग्य-कटाक्ष इन निबन्धों में ललित मुद्रा में प्रकट हुआ है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1992
Edition Year 2012, Ed. 2nd
Pages 322p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Krishna Bihari Mishra

Author: Krishna Bihari Mishra

कृष्ण बिहारी मिश्र

जन्म : सन् 1936 में बलिहार, बलिया (उ.प्र.)

शिक्षा : गोरखपुर के मिशन स्कूल, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय से। हिंदी पत्रकारिता विषयक अनुशीलन पर कलकत्ता विश्वविद्यालय से ‘डॉक्टरेट’ की उपाधि ,डी.लिट. की मानद उपाधि अर्जित किया ।
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र और आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे दिग्गज आचार्यों तथा आचार्य नंददुलारे वाजपेयी एवं आचार्य चंद्रबली पांडेय के अंतरंग सान्निध्य से सारस्वत संस्कार और अनुशीलन-दृष्टि अर्जित किया ।

सम्मान –पुरष्कार : उ.प्र. हिंदी संस्थान के ‘साहित्य भूषण’ पुरस्कार, ‘कल्पतरु की उत्सव लीला’ कृति पर ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’, ‘महात्मा गांधी साहित्य सम्मान’, ‘पद्मश्री’ अलंकार से विभूषित।

साहित्य सेवा : पत्रकारिता लेखन, ललित-निबंध संग्रह, विचार-प्रधान निबंध संग्रह, ‘नेह के नाते अनेक’ संस्मरण, ‘कल्पतरु की उत्सव लीला’ जीवन-प्रसंग, ‘भगवान् बुद्ध’ कृति का अंग्रेजी से अनुवाद।

संपर्क : 7बी, हरिमोहन राय लेन, कोलकाता-700015

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