Prasad Ki Kavyabhasha

Literary Criticism
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Prasad Ki Kavyabhasha

‘प्रसाद की काव्यभाषा' शीर्षक से प्रकाशित इस पुस्तक में जहाँ एक ओर प्रसाद की काव्यभाषा का विकासात्मक और प्रतीतिपरक मूल्यात्मक विवेचन किया गया है, वहीं दूसरी ओर संवेदना या जनता की चित्तवृत्ति में होनेवाले परिवर्तनों के कारण खड़ीबोली के काव्यभाषा के रूप में विकास का भी अत्यन्त व्यवस्थित वर्णन है। इस दृष्टि से यह पुस्तक दोहरी अर्थवत्ता रखती है।...

प्रसाद की प्रारम्भिक कृतियों से अनेक उदाहरणों द्वारा डॉ. गौड़ ने यह सिद्ध किया है कि कैसे अन्तत: एक बड़े कवि की खोज भाषा की ही खोज होती है।

मेरा मानना है कि इस पुस्तक के द्वारा केवल छायावाद और प्रसाद की काव्यभाषा की क्षमता को ही नहीं समझा जा सकता है, बल्कि खड़ीबोली की सम्भावना को भी रेखांकित किया जा सकता है।...पुस्तक पठनीय और संग्रहणीय है।

— सत्यप्रकाश मिश्र   

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2007
Edition Year 2007, Ed. 1st
Pages 199p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1.5
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Editorial Review

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Rachna Anand Gaur

Author: Rachna Anand Gaur

रचना आनन्द गौड़

जन्म : 1964, लखीमपुर।

शिक्षा : आरम्भ से ही मेघावी छात्रा रही रचना आनन्द गौड़ ने हाईस्कूल से एम.ए. तक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और विद्यालय/विश्वविद्यालय की योग्यता सूची में स्थान बनाया।
वर्ष 1986 में कुलाधिपति रजत पदक प्राप्त किया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की
जे.आर.एफ. परीक्षा प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण की।

सम्प्रति : सदनलाल सांवलदास खन्ना महिला महाविद्यालय, संघटक महाविद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रीडर पद पर कार्यरत हैं।
कुछ शोधपत्र एवं प्रपत्र ‘हिन्दुस्तानी’ और ‘हिन्दी अनुशीलन’ जैसी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित।

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