Nari Chetna Ke Ayam

Author: Alka Prakash
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Nari Chetna Ke Ayam

प्रस्तुत पुस्तक में अपने अस्तित्व स्थापन के लिए सदियों से संघर्षरत नारी और उसकी चेतना के विविध रूपों का चित्रण है। समाज की एक इकाई के रूप में अपनी पहचान की निर्मिति के लिए नारी ने जिस अदम्य जिजीविषा एवं प्रबल इच्छा शक्ति का परिचय दिया, उसका यहाँ खुलकर विश्लेषण किया गया है। भारतीय समाज में परम्परागत नारी की छवि, उसका ऐतिहासिक स्वरूप तथा नारी चेतना को प्रतिबिम्बित करनेवाले हिन्दी साहित्य की सम्यक् मीमांसा की गई है। नारी ने धर्म, आस्था, परम्परा, मूल्य एवं व्यवस्था से यदि असन्तोष प्रकट किया है, तो इसके पीछे के निहित कारणों को प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से समझा जा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में नारी चेतना के संश्लिष्ट आयामों का विवेचन हुआ है, जो पूरी पुस्तक में बेबाक़ी से अभिव्यक्त हुआ है।

—प्रो. शैल पाण्डेय

 

यह पुस्तक उन सभी सुधी पाठकों के लिए एक नई सोच विकसित करने में सहायक हो सकती है, जो जीवन की बारीकियों को अपने जीवन की अनुभूतियों से समझना चाहते हैं। मेरा मानना है कि अनुभूति एवं तदनुभूति के बीच एक झीनी दीवार है, जिसे समझने के लिए लेखक या लेखिका को जीवन की बारीकियों की एवं मनोवैज्ञानिक समझ होना ज़रूरी है।

प्रस्तुत पुस्तक इसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

—अजय प्रकाश

More Information
Language Hindi
Publication Year 2007
Edition Year 2022, Ed. 2nd
Pages 156p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Alka Prakash

Author: Alka Prakash

अलका प्रकाश

15 जुलाई, 1977 को उत्तर प्रदेश के ज़िला मऊ की घोसी तहसील में जन्म। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक (एम.ए. हिन्दी साहित्य)। डॉ. शैल पाण्डेय के निर्देशन में डी.एम.पी. की उपाधि। स्थानीय सी.एम.पी. डिग्री कॉलेज में अंशकालिक अध्यापन। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में अतिथि प्रवक्ता।

स्त्री-विमर्श से सम्बन्धित ‘तन्द्रा टूटने तक’ (प्रकाशनाधीन)। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, लेख आदि प्रकाशित।

 

 

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