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Namo Bhagwate...

Author: Devesh Singhi
Edition: 2023, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Namo Bhagwate...

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गणेश ने आकर शिकायत की, “पिताजी, निमन्त्रित करके भी कुबेर ने मुझे भरपेट भोजन नहीं करवाया, मुझे कितनी भूख लगी है।”
शिव हँस पड़े, बोले, “पुत्र, माता के बिना तुम्हें संसार में कोई तृप्त नहीं कर सकता है। जाओ अन्दर जाकर भोजन करो, माता भोजन बनाकर तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हैं।”
तब तक देवी पार्वती स्वयं भोजन की थाली सजाकर बाहर आ गईं। पार्वती ने बड़े स्नेह से बालक गणेश के सिर पर हाथ फेरा। फिर अपने हाथ से दो ग्रास बालक गणेश को खिलाए। गणेश ने अघाकर डकार ली और तीसरा कौर खाने से इनकार कर दिया। पार्वती पुकारती रहीं, आग्रह करती रहीं, मनाती रहीं, परन्तु गणेश दौड़कर दूर भाग गए।
शिव ने मुस्कराकर कुबेर को देखा, कुबेर ने सिर झुका लिया। बोला, “सचमुच ख्याति की कामना से परोसे गए मेरे भोजन में यह रस व स्वाद कहाँ था जो इन दो ग्रास में है। मैं ऐश्वर्य के मद में अन्धा कुबेर इतना भी नहीं समझ सका कि तृप्ति स्नेह व निष्काम भाव से मिलती है। मेरे अभिमान ने संसार में मुझे हँसी का पात्र बना दिया।”

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2006
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 134p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Author: Devesh Singhi

देवेश सिंगी

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