Milkar Rahna

Author: Bhavana Shekhar
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Milkar Rahna
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बचपन जीवन की अन्यतम अवस्था है—निष्पाप, निष्कलुष और निष्काम। पर आज कहीं-न-कहीं बचपन अपनी मासूमियत खो रहा है, उसके निसर्ग सौन्दर्य पर कृत्रिमता का वर्क चढ़ाया जा रहा है। बहरहाल, इस बचपन की नींव पर जीवन की जो इमारत खड़ी हो रही है, उसमें उन्नति-प्रगति-प्रशस्ति के पंख तो हैं किन्तु करुणा और कोमलता की पदचाप कहीं नहीं सुनाई देती। यह बाल गीतों की पुस्तक ‘मिलकर रहना’ इसी की प्रतिपूर्ति करती है।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 24p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20.5 X 28 X 1
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Bhavana Shekhar

Author: Bhavana Shekhar

भावना शेखर

मूलत: हिमाचल प्रदेश से जुड़ी, दिल्ली में जन्मीं। ‘लेडी श्रीराम कॉलेज’ से स्नातक व स्नातकोत्तर (द्वय) की पढ़ाई कर ‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ से संस्कृत में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। अध्यापन के साथ-साथ आकाशवाणी व दूरदर्शन से जुड़ाव। रेडियो फ़ीचर, वार्ताएँ, नाटक, समीक्षा, कविता व कहानी-लेखन में रुचि।

प्रमुख कृतियाँ : ‘आस्तिक दर्शनों में प्रतिपादित मीमांसा सिद्धान्त’ (शोध-ग्रन्थ); ‘सत्तावन पंखुड़ियाँ’ (कविता-संग्रह); ‘जीतो सबका मन’ (बालगीत-संग्रह); ‘जुगनी’, ‘खुली छतरी’ (कहानी-संग्रह)।

2011 में राष्ट्रीय स्तर की बालकथा-प्रतियोगिता में कहानी 'गुलाब का फूल’ को सर्वश्रेष्ठ कहानी चुने जाने पर ‘मधुबन सम्बोधन पुरस्कार’ से सम्मानित।

ई-मेल : bhavnashekhar8@gmail.com

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