Evam Indrajit-Paper Back

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बादल सरकार के नाटक ‘एवम् इन्द्रजित्’ का भारतीय रंगकर्म में एक विशिष्ट स्थान है। मूलतः बांग्ला में लिखे इस नाटक का अनेक भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। विभिन्न भाषाओं के रंगकर्म में इस नाटक ने बार-बार मंचित होकर प्रशंसा और प्रसिद्धि पर्याप्त बटोरी है।

इस नाटक की लोकप्रियता का कारण इसके कथा व शिल्प में निहित है। युवा वर्ग की महत्त्वाकांक्षा, परवर्ती कुंठा व निराशा का यथार्थपरक चित्रण इसमें किया गया है। नाटक अपनी निष्पत्ति में रेखांकित करता है कि मृत्यु का वरण समस्या का समाधान नहीं है। यह जानते हुए भी कि हमारे पास कोई सम्‍बल नहीं, हमें जीना है। नाटक का कथ्य अत्यन्‍त यथार्थवादी होते हुए भी शिल्प प्रतीकात्मक है। जीवन के दस-पन्‍द्रह वर्षों की अवधि को समेटे हुए यह नाटक जीने की ज़‍िद का तर्क है।

बादल सरकार की काव्यात्मक भाषा सम्प्रेषण और अर्थ दोनों को समृद्ध करती है। नए कलेवर में प्रस्तुत यह प्रसिद्ध नाटक पाठकों व रंगकर्मियों को ख़ूब भाएगा, ऐसा विश्वास किया जा सकता है ।

प्रसिद्ध रंगकर्मी डॉ. प्रतिभा अग्रवाल ने ‘एवम् इन्द्रजीत्’ का मनोयोगपूर्वक अनुवाद किया है। उनके अनुसार, ‘...मेरे द्वारा किए गए अनुवादों में यह सर्वश्रेष्ठ है।’

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Pratibha Agarwal
Editor Not Selected
Publication Year 2014
Edition Year 2024, Ed. 4th
Pages 120p
Price ₹199.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Badal Sarkar

Author: Badal Sarkar

बादल सरकार

जन्म : 1925 में।

उनके बिना नाटकों की चर्चा करना बेमानी है। मूल बंगाली में लिखे होने के बावजूद उनके दर्जनों नाटक उसी तन्मयता के साथ अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हुए और खेले जाते रहे हैं।

प्रकाशन : ‘एवम् इन्द्रजित्’, ‘पगला घोड़ा’, ‘बड़ी बूआजी’, ‘वल्लभपुर की रूप कथा’, ‘राम-श्याम जादू’, ‘कवि कहानी’, ‘अबुहसन’, ‘सगीना महतो’, ‘स्पार्टाकस’ तथा ‘सारी रात’ (सभी नाटक)। ‘एवम् इन्द्रजित्’ तथा ‘बाक़ी इतिहास’ सहित कई नाटक मराठी, गुजराती, कन्नड़, मणिपुरी, असमि‍या, पंजाबी, हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में अनूदित तथा मंचित।

सम्मान : संगीत नाटक अकादमी का ‘राष्ट्रपति सम्मान’, ‘नेहरू फ़ैलोशिप’ आदि।

नाट्य समूह ‘आँगन मंच’ से सम्बद्ध रहे।

निधन : 2011

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