Dwipantar

As low as ₹420.75 Regular Price ₹495.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Dwipantar
- +

ओड़िया की चर्चित कथाकार यशोधारा मिश्र की ये कहानियाँ जीवन के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के विषय में हमें अनोखी अन्तर्दृष्टि देती हैं। सामान्यतः उच्च मध्यवर्ग की पृष्ठभूमि में स्थित इन कहानियों में हमें समाज, परिवार और मनुष्य-मन के वे कोने दिखाई देते हैं, जिन्हें हम आमतौर पर नहीं देख पाते।

कहानी को बयान करने की उनकी प्रवहमान शैली, परिवेश का विस्तृत चित्रण और अपने पात्रों को बेहद नज़दीक से जानने-समझने का उनका कौशल उनकी कहानियों को निरन्तर पठनीय बनाए रखता है। पात्रों के भूगोल को वे इस बारीकी से चित्रित करती है कि हम अनायास ही कहीं और होने की यात्रावृत्त जैसी अनुभूति से भर उठते हैं।

संग्रह की शीर्षक कथा ‘द्वीपांतर’ स्त्री-मन के एक अनछुए प्रान्तर के संधान की कहानी है जिसमें प्रौढ़वय नायिका को घर-परिवार को समर्पित अपने अब तक के लम्बे जीवन के बाद अचानक अपने होने का अहसास होना शुरू होता है, वह भी सुबह की सैर शुरू करने से। डॉक्टर के कहने पर हर सुबह बाहर निकलना उसके लिए ऐसा अनुभव बन जाता है जो सिर्फ़ उसका है, अपना; और, डेढ़-दो किलोमीटर के इस विस्तार में ही जैसे उसे अपना एक अलग द्वीप मिलने लगता है।

संग्रह में शामिल अन्य कहानियाँ भी सुख और संतृप्ति के अन्तस में छिपी किसी न किसी टीस का अवगाहन करती हैं। ‘सूर्यास्त के आसपास’ के अतनू और कल्लोला की ज़िन्दगी की दबी-ढँकी कामनाएँ हों,  ‘मनोकामना’ के नीलेश और सीमा-सुरेश का ‘सेंस ऑफ़ लॉस’ हो या ‘अपना-अपना प्रेम’ की बढ़ती-बदलती प्रेमकथाएँ, हर कहानी एक टूटन की कथा है जिसे कथाकार ने गहरी संवेदना के साथ लिखा है। संग्रह में कुल दस कहानियाँ शामिल हैं और ये सभी सुख और दुःख के बीच गुम्फित कई विरोधाभासों को हमारे सामने खोलती हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Rajendra Prashad Mishra
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Dwipantar
Your Rating

Author: Yashodhara Mishra

यशोधारा मिश्र

यशोधारा मिश्र ओड़िया साहित्य की एक बहुचर्चित कथाकार हैं। उन्होंने अमरीकी साहित्य में पी-एच.डी. किया है। मध्य प्रदेश शासन में अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर; मैसोन द साइंस, पेरिस की विज़िटिंग फ़ेलो; यू.जी.सी. की सीनियर रिसर्च फ़ेलो एवं शिमला के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज़ में रिसर्च फ़ेलो रह चुकी हैं। उन्होंने यू.के., यू.एस., फ़्रांस, जर्मनी और मॉरीशस आदि देशों में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लिया है। वे साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित भारत की प्रमुख साहित्यिक पत्रिका ‘इंडियन लिटरेचर’ की प्रथम महिला सम्पादक रही हैं।

विभिन्न विधाओं में उनकी कुल पच्चीस पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनकी रचनाएँ लगभग सभी भारतीय भाषाओं एवं कुछ विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं। उन्हें ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘ओड़िशा साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘कथा पुरस्कार’, ‘ओड़िशा पुस्तक मेला पुरस्कार’ एवं ‘वीणापाणि मोहंती कहानी पुरस्कार’ के साथ-साथ अन्य कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हैं।

सम्प्रति : दिल्ली में रहकर स्वतंत्र लेखन।

सम्पर्क : 8851891652

Read More
Books by this Author
Back to Top