Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan-Hard Back

Author: Mukund Laath
ISBN: 9789388933810
Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹1,275.00 Regular Price ₹1,500.00
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9789388933810
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मुकुन्द लाठ भारत के उन बहुत थोड़े लेखकों में से एक हैं जिनके यहाँ साहित्य और कलाओं को लेकर ऐसी गहरी और सूक्ष्म दृष्टि है जो प्राचीन साहित्य और शास्त्र, दर्शन और चिन्तन, संगीत और नाट्य, कविता, परम्परा और आधुनिकता आदि सबको एक संग्रथित समावेश में शामिल कर रूपायित होती रही है। वह परम्परा से जैसे कि आधुनिकता से भी अनाक्रान्त रहकर एक प्रश्नवाचक दूरी रखती है। साहित्य और कलाओं के स्वरूप पर ऐसा मौलिक चिन्तन, कुछ कृतियों की सूक्ष्म समीक्षा, हिन्दी में बहुत कम देखने को मिलता है। हिन्दी में पहले ऐसे लोग थे, जैसे कि वासुदेवशरण अग्रवाल, मोतीचन्द्र, हजारीप्रसाद द्विवेदी आदि, जो ऐसी समावेशी और आधुनिकता के लिए भेदक दृष्टि रखते थे। मुकुन्द लाठ उस परम्परा में ही दशकों से सक्रिय रहे हैं और उनकी यह संचयिता हम बहुत उत्साह और उम्मीद के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं कि अपने समय, समाज, साहित्य और कलाओं को समझने की यह दृष्टि हिन्दी के विचार-जगत में हस्तक्षेप की तरह पहचानी-गुनी जाएगी। यह निश्चय ही हिन्दी की विचार-सम्पदा का अपेक्षाकृत अब तक का जाना विस्तार है।

—अशोक वाजपेयी

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 564p
Price ₹1,500.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 4.5
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Mukund Laath

Author: Mukund Laath

मुकुन्द लाठ

 

शिक्षा के साथ संगीत में विशेष प्रवृत्ति थी जो बनी रही। आप पंडित जसराज के शिष्य थे। अंग्रेज़ी में बी.ए. (ऑनर्स), फिर संस्कृत में एम.ए. किया। पश्चिम बर्लिन गए और वहाँ संस्कृत के प्राचीन संगीत-ग्रन्थ ‘दत्तिलम्’ का अनुवाद और विवेचन किया। भारत लौटकर इस काम को पूरा किया और इस पर पीएच.डी. ली।

1973 से 1997 तक राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के भारतीय इतिहास एवं संस्कृत विभाग में रहे। भारतीय संगीत, नृत्य, नाट्य, कला, साहित्य-सम्बन्धी चिन्तन और इतिहास पर हिन्दी-अंग्रेज़ी में लिखते रहे।

यशदेव शल्य के साथ दर्शन प्रतिष्ठान की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘उन्मीलन’ के सम्पादक और उसमें नियमित लेखन।

प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘ए स्टडी ऑफ़ दत्तिलम्’, ‘हाफ़ ए टेल’ (‘अर्धकथानक’ का अनुवाद), ‘द हिन्दी पदावली ऑफ़ नामदेव’ (‘कालावार्त’ के सहलेखन में), ‘ट्रान्सफ़ॉरमेशन ऐज़ क्रिएशन’, ‘संगीत एवं चिन्‍तन’, ‘स्वीकरण’, ‘तिर रही वन की गन्‍ध’, ‘धर्म-संकट’, ‘कर्म-चेतना के आयाम’, ‘क्या है क्या नहीं है’, ‘अनरहनी रहने दो’, ‘अँधेरे के रंग’, ‘गगनवट : संस्‍कृत मुक्‍तकों को स्‍वीकरण’, ‘भावन : साहित्‍य और अन्‍य कलाओं का अनुशीलन’ आदि।

सम्मान व पुरस्कार : ‘पद्मश्री’, ‘शंकर पुरस्कार’, ‘नरेश मेहता वाङ्मय पुरस्कार’, ‘फ़ेलो-संगीत नाट्य अकादेमी’।

निधन : 6 अगस्‍त, 2020

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