Author

Bhalchandra Jayshetti

5 Books

भालचन्द्र जयशेट्टी

विगत 35 वर्षों से प्रो. भालचन्द्र जयशेट्टी कन्नड़ और हिन्दी साहित्य के सम्पर्क-सेतु के रूप में काम कर रहे हैं। लगभग दो दर्जन से भी अधिक अनूदित रचनाएँ आपने हिन्दी जगत को दी हैं और उतनी ही मौलिक रचनाएँ कन्नड़ साहित्य को दी हैं।

कन्नड़ की कालजयी रचनाएँ जैसे ‘भारतीय काव्यमीमांसा’ तथा ‘काव्यार्थ चिन्तन’ आपके प्रातिनिधिक अनुवाद हैं जिन्हें भारत सरकार तथा साहित्य अकादेमी के पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

साहित्यिक योगदान के लिए कर्नाटक साहित्य अकादेमी द्वारा वर्ष 2003-04 के सम्मान से नवाजा गया। 1994 में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के तत्त्वावधान में अनुवाद के लिए महामना राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।

सम्प्रति : साहित्य-सेवा में संलग्न।

Back to Top