Atak Gayi Nind

Author: Rakesh Mishra
As low as ₹335.75 Regular Price ₹395.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Atak Gayi Nind
- +

समकालीन हिन्दी कविता में भी प्रचुर मात्रा में प्रेम कविताएँ लिखी जा रही हैं। प्रेम अपने समूचे भाव-वैभव तथा वैविध्य के साथ उसमें रूपायित हो रहा है। ऐसे आपाधापी वाले परिवेश में ‘अटक गई नींद’ शीर्षक से कवि राकेश मिश्र की प्रेम कविताएँ प्रकाशित हो रही हैं। ये कविताएँ प्रेम जैसे अत्यन्त कोमल और एकान्तिक मनोभाव को एक नए तेवर और मुहावरे के साथ प्रस्तुत करती हैं—

कहीं मुझमें ही हो तुम

शारदीय नदी के जल में

उगते सूरज की तरह

किताबों के पन्नों में

छिपी सार्थक बातों की तरह

कहीं मुझमें ही हो तुम।

सूने कैनवास पर

उभरने वाले रंगों की तरह

कहीं मुझमें ही हो तुम।

 

इस तरह कवि अपने काव्य-कौशल के सहारे बड़ी सटीक और सूक्ष्म अन्तर्वृत्तियों का चित्रांकन करता है। प्रस्तुत संकलन का महत्त्व इस दृष्टि से भी है कि इसके द्वारा पाठक को भावनात्मक पोषण प्राप्त होता है। वह बुद्धि तथा भावना के सन्तुलन को साधता है। इस संकलन की भाषा अपनी अभिव्यंजना में बेहद सटीक और परिपक्व है। इसमें किसी तरह का छद्म नहीं है। वह अपनी सहजता से भी पाठक को मुग्ध करती है।     —पुरोवाक् से

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 134p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Write Your Own Review
You're reviewing:Atak Gayi Nind
Your Rating
Rakesh Mishra

Author: Rakesh Mishra

राकेश मिश्र
राकेश मिश्र का जन्म 30 नवम्बर, 1964 को जनपद बलिया में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक राकेश मिश्र उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं तथा वर्तमान में उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव हैं।

इनके तीन काव्य-संग्रह—‘अटक गई नींद’, ‘चलते रहे रातभर’, ‘जिन्दगी एक कण है’ राधाकृष्ण प्रकाशन से वर्ष 2019 में प्रकाशित हुए हैं। एक अन्य कविता-संग्रह ‘शब्दगत’ वर्ष 2001 में प्रकाशित।

सम्पर्क : 538 क/90, विष्णुलोक कॉलोनी, मौसम बाग, त्रिवेणी नगर-2, सीतापुर रोड, लखनऊ-226020 (उत्तर प्रदेश)

ई-मेल : rakeshkmishr@gmail.com

Read More
Books by this Author
Back to Top