दुनिया भर में होने वाली आत्महत्याओं में से 14 प्रतिशत अकेले भारत में होती हैं। इसकी प्रमुख वजहें हैं—तनाव, दुश्चिन्ता और अवसाद। ये स्थितियाँ मानसिक दबाव की ओर धकेलती हैं। बार-बार मानसिक दबाव झेलने वाला व्यक्ति परिवार और रिश्तेदारों से कटने लगता है। उसे ज़िन्दगी बेकार लगने लगती है और आत्महत्या कर लेना उसे इन तमाम झंझटों से छुटकारा पाने का एकमात्र रास्ता नज़र आने लगता है।
आँकड़ों के अनुसार भारत में वर्ष 2022 में आत्महत्या के 1,79,044 मामले सामने आए। वर्ष 2021 में यह आँकड़ा 1,64,033 था। जाहिर है, यह लगातार गम्भीर होती जा रही समस्या है। तेजी से बदल रहे सामाजिक-आर्थिक माहौल में बच्चों और युवाओं से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक, आए दिन प्रतिकूल परिस्थितियों से रूबरू हो रहे हैं। ऐसे में यह किताब उन्हें वैज्ञानिक और व्यावहारिक ढंग से अवांछित परिस्थितियों और नकारात्मक मनोभावों से उबरने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर रचनात्मक बनाने में कारगर होगी।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Publication Year | 2024 |
Edition Year | 2024, Ed. 1st |
Pages | 144p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Funda (An imprint of Radhakrishna Prakashan) |
Dimensions | 22 X 14 X 1 |