Vichar Ka Aina : Kala Sahitya Sanskriti : Jawaharlal Nehru

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Vichar Ka Aina : Kala Sahitya Sanskriti : Jawaharlal Nehru
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विचार का आईना शृंखला के अन्तर्गत ऐसे साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केन्द्रित चिन्तन को प्रस्तुत किया जा रहा है जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया। इसके पहले चरण में हम मोहनदास करमचन्द गांधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राममनोहर लोहिया, रामचन्द्र शुक्ल, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ और गजानन माधव मुक्तिबोध के विचारपरक लेखन से एक ऐसा मुकम्मल संचयन प्रस्तुत कर रहे हैं जो हर लिहाज से संग्रहणीय है।   

जवाहरलाल नेहरू ऐसे चिन्तक राजनेता हैं जिन्होंने भारत को आधुनिक विश्व परिदृश्य में एक समर्थ देश के रूप में प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया। जिनके दिखाए रास्ते पर आधुनिक भारत आगे बढ़ा। गांधी की अगुआई में स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय नेहरू लम्बे समय तक जेलों में रहे। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का सपना देखा जिसने दुनिया भर में भारत का मान बढ़ाया। उनके मन में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बहुलता के प्रति अथाह सम्मान था। आज जब भारत की सांस्कृतिक बहुलता को खंडित करने का सपना देखनेवाली राजनीतिक ताकतें मजबूत हुई हैं, ऐसे में हमें उम्मीद है कि नेहरू के कला, साहित्य और संस्कृति सम्बन्धी प्रतिनिधि निबन्धों की यह किताब भारत की सांस्कृतिक विरासत और बहुलता ​को दूर करने और उनकी अपरिहार्य आवश्यकता को समझाने में सहायक होगी।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 216p
Translator Not Selected
Editor Rama Shankar Singh
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
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Author: Jawaharlal Nehru

जवाहरलाल नेहरू

14 नवम्बर, 1889—27 मई, 1964

स्वतंत्रता आन्दोलन के शीर्षस्थ नेताओं में से एक। लम्बा समय जेलों में बीता। 1929, 1936 और 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। संविधान सभा के सदस्य रहे। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री। विश्व-प्रसिद्ध गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के प्रमुख नेताओं में एक। ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’  सहित अनेक बहुचर्चित पुस्तकों के लेखक।

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