Uttari Bharat Ki Sant Parampara

Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan - Sahitya Bhawan
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Uttari Bharat Ki Sant Parampara
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‘उत्तरी भारत की सन्त-परम्परा’ कृति आचार्य परशुराम चतुर्वेदी की साहित्यिक साधना की वह अनन्यतम प्रस्तुति है, जिसके समानान्तर आज कई दशक बाद भी हिन्दी साहित्य के अन्तर्गत वैसी कोई दूसरी रचना सामने नहीं आ सकी है। सन्त साहित्य के उद्भव से जुड़े अनेक प्रक्षिप्त मतों का खंडन करते हुए उसके मूल प्रामाणिक प्रेरणास्रोतों को प्रकाश में लाकर चतुर्वेदी जी ने उसकी अखंडता का जो अपूर्व परिचय प्रस्तुत किया है, वह हमारी साहित्यिक मान्यताओं से जुड़ी शोध-परम्परा का सर्वमान्य ऐतिहासिक साक्ष्य है।

परवर्ती काल में यह सन्त साहित्य उत्तर भारत के बीच पर्याप्त रूप से समृद्ध हुआ, किन्तु इसके प्रेरणासूत्र समग्र भारतीयता से सम्बद्ध है। महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओड़िसा, बंगाल, आसाम, पंजाब आदि राज्यों में फैले हुए इसके प्रारम्भिक तथा परवर्ती सूत्र इस तथ्य के प्रमाण हैं कि यह जन-आन्दोलन के रूप में समग्र भारतीय लोकजीवन से जुड़ा रहा है। सन्त नामदेव, ज्ञानदेव, नानक, विद्यापति, कबीरदास, दादू आदि सन्तों ने अपनी सन्तवाणी से समग्र भारत की एकता, अखंडता को जोड़ते हुए हमें अन्धविश्वासों एवं रूढ़ मान्यताओं से मुक्त किया है। आचार्य परशुराम चतुर्वेदी की यह कृति इन तथ्यों की प्रस्तुति का सबसे प्रामाणिक और सबसे सशक्त दस्तावे़ज़ है।

आचार्य चतुर्वेदी की इस ऐतिहासिक धरोहर को पुन: समक्ष रखते हुए हम गर्व का अनुभव करते हैं और आशा करते हैं कि पाठक समाज इसे पूर्ववत् निष्ठा के साथ स्वीकार करेगा।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 528p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan - Sahitya Bhawan
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Parshuram Chaturvedi

Author: Parshuram Chaturvedi

परशुराम चतुर्वेदी

जन्म : 25 जुलाई, 1894

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा महाजनी पद्धति पर दी गई। साथ ही संस्कृत का भी अभ्यास कराया गया। बलिया में अंग्रेज़ी शिक्षा प्रारम्भ की। सन् 1914 में स्कूल लीविंग सर्टीफ़िकेट की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात् आगे की शिक्षा के लिए कायस्थ पाठशाला में अपना नाम लिखवाया।

सन् 1925 में आपने बलिया में वकालत प्रारम्भ की।

प्रमुख प्रकाशन : ‘मीराबाई की पदावली’, ‘उत्तरी भारत की सन्त परम्परा’, ‘सूफी काव्य-संग्रह’, ‘सन्त काव्य’, ‘हिन्दी काव्य-धारा में प्रेम-प्रवाह’, ‘वैष्णव धर्म’, ‘मानस की रामकथा’, ‘गार्हस्थ्य जीवन और ग्राम सेवा’, ‘नव-निबन्ध’, ‘मध्यकालीन प्रेम-साधना’, ‘कबीर साहित्य की परख’, ‘भारतीय प्रेमाख्यान की परम्परा’, ‘भारतीय साहित्य की सांस्कृतिक रेखाएँ’, ‘बौद्ध साहित्य की सांस्कृतिक झलक’, ‘सन्त साहित्य की भूमिका’, ‘साहित्य-पथ’, ‘भक्ति साहित्य में मधुरोपासना’, ‘मध्यकालीन शृंगारिक प्रवृत्तियाँ’, ‘रहस्यवाद-भाषण’, ‘हिन्दी साहित्य का वृहत् इतिहास’, ‘दादू ग्रन्थावली’, ‘बौद्ध सिखों के चर्यापद’, ‘कबीर साहित्य चिन्तन’ आदि।

निधन : 1 जनवरी, 1979

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