Usi Se Thanda Usi Se Garam

Author: Zakir Hussain
Edition: 2013, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Usi Se Thanda Usi Se Garam
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‘उसी से ठंडा उसी से गरम’ कहानियों का संग्रह है। वस्तुतः ये कहानियाँ मूल रूप में लेखक या कहानीकार के दायित्व बोध से जुड़ी हुई हैं जिसे उन्होंने अपने बालोपयोगी कथानक में सँजोया है। अतः पठनीय बाल-कहानियों का यह संकलन पाठकों को रुचिकर लगेगा। इसमें ‘उसी से ठंडा उसी से गरम’, ‘छिद्दू’, ‘जुलाहा और बनिया’, ‘आख़िरी क़दम’, ‘माँ’, ‘सच्ची मुहब्बत’, ‘बेकारी’, ‘सईदा की अम्मा’ जैसी महत्त्वपूर्ण बाल कहानियाँ संग्रहित हैं।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 1969
Edition Year 2013, Ed. 2nd
Pages 48p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20.5 X 16 X 0.3
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Author: Zakir Hussain

ज़ाकिर हुसैन

जन्म : सन् 1897 में हैदराबाद में।

शिक्षा : उनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुई।

सन् 1907 में जब उनके पिता का निधन हो गया तो समस्त परिवार कायमगंज आ गया और 8 दिसम्बर, 1907 को इस्लामिया हाईस्कूल, इटावा में पाँचवीं कक्षा में दाख़िला।

सन् 1913 ई. में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और मोहम्मडन ऐंग्लो ओरिएंटल कॉलेज, अलीगढ़ में इंटरमीडिएट (विज्ञान) में प्रवेश। सन् 1918 ई. में प्रथम श्रेणी में बी.ए. उत्तीर्ण किया। एम.ए. में अर्थशास्त्र लिया और साथ ही एलएल.बी. में भी प्रवेश किया। अभी वह एम.ए. द्वितीय वर्ष के छात्र ही थे कि उन्हें कॉलेज में ट्यूटर नियुक्त कर दिया गया। जर्मनी में बर्लिन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएच.डी.।

डॉ. जाकिर हुसैन ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में रहते हुए और फिर उच्च प्रशासनिक पदों पर बिताया, लेकिन मूलतः वे एक शिक्षक थे—सीधे, सरल शिक्षक।

उपलब्धियाँ : 1945 में वह ‘इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफ़ेयर्स’ के सदस्य बने और अक्टूबर 1951 में इसके उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने चीनी विद्वानों के दल का दिल्ली में स्वागत किया। 3 अप्रैल, 1952 को वह राज्यसभा के सदस्य बनाए गए। इसी वर्ष वह प्रेस कमीशन के सदस्य भी बने और 1954 तक इसके सदस्य रहे। 1954 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित। 1957 से 1962 तक बिहार के राज्यपाल। दिसम्बर 1958 में वह भारतीय विश्वविद्यालय आयोग के सदस्य नामित हुए। 1963 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारतरत्न’ से नवाज़े गए। 13 मई, 1962 से 12 मई, 1967 तक उपराष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और 13 मई, 1967 से 3 मई, 1969 तक राष्ट्रपति के रूप में देश को गौरवान्वित किया।

निधन : 3 मई, 1969

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