समृद्ध कहानी की छवियाँ शशांक की कहानियों में बिलकुल अलग ढंग से बसी हैं।

मानवीय उष्मा की निरन्तरता, सघन अनुभव, अनूठी भाषा और विचार-कला का सटीक अन्तस्सन्तुलन शशांक की कहानियों के रंग-रेशे हैं।

प्रस्तुत पुस्तक ‘शामिल बाजा’ शशांक की दस कहानियों का पठनीय संकलन है। ‘शामिल बाजा’  की कहानियाँ तेज़ी से बदलती सामाजिक स्थितियों में जीवन और जिजीविषा से अपना वस्तु-चयन करती हैं। दृश्य और घटनाएँ उनकी कहानियों की ज़रूरत, संरचना और त्वरा बदल रही हैं। विकट पर्यावरण में ये कहानियाँ ख़ाली जगहों में हमारी इच्छाओं और सबलता को रखना चाहती हैं।

‘शामिल बाजा’ में विविधता से भरपूर नवीनतम कहानियों के साथ सृजन-प्रक्रिया पर विनिबन्ध ‘बबूल मेज’ भी शामिल है। इससे कहानियों की रोचकता और बढ़ जाती है।

निस्‍सन्‍देह, अद्भुत कथालोक का अविस्‍मरणीय संग्रह है ‘शामिल बाजा’।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1997
Edition Year 1997, Ed. 1st
Pages 139p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 18.5 X 12.5 X 1
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Author: Shashank

शशांक

जन्‍म : 18 अक्‍टूबर, 1953; कानपुर, उत्‍तर प्रदेश।

कार्य : भारतीय प्रसारण सेवा के अन्‍तर्गत दूरदर्शन के अपर महानिदेशक पद से सेवानिवृत्‍त।

प्रमुख कृतियाँ : ‘दो धाराएँ’, ‘उन्‍नीस साल का लड़का’, ‘कोसाफल’, ‘शामिल बाजा’, ‘पर्व’।

सम्‍मान : ‘वागीश्‍वरी सम्‍मान’, ‘परसाई सम्‍मान’, ‘वनमाली स्‍मृति सम्‍मान’, ‘स्‍पन्‍दन आलोचना सम्‍मान’, ‘मुक्तिबोध फ़ेलोशिप’ आदि।

ई-मेल : shashank.bhopal18@gmail.com

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