‘‘इतिहास कथा-लेखन के दौरान इतिहास में साहसी-सामर्थ्यवान नारियों का अभाव मुझे रह-रहकर सालता था। एक प्रश्न हर बार उठता था कि मीराबाई, पन्नाधाय, हाडीरानी, कर्मवती आदि अँगुलियों पर गिनी जानेवाली नारियों के बाद, राजस्थान की उर्वरा भूमि बाँझ क्यों हो गई?’’ इस दिशा में खोज आरम्भ करने के चमत्कारी परिणाम निकले। एक-दो नहीं, दो दर्जन से भी अधिक नारी पात्र, इतिहास की गर्द झाड़ते मेरे सम्मुख जीवित हो उठे।

‘‘एक तवायफ के प्रेम में अनुरक्त हो, उसे जयपुर का आधा राज्य दे डालने वाले महाराजा जगतसिंह की इतिहासकारों ने भरपूर भर्त्सना की थी लेकिन वस्त्रों की तरह स्त्रियाँ बदलनेवाले अति कामुक महाराज का, एक हीन कुल की स्त्री में अनुरक्ति का ऐसा उफान, जो उसे पटरानी-महारानियों से पृथक, महल रसविलासके साथ जयपुर का आधा राज्य प्रदान कर, अपने समान स्तर पर ला बैठाए, मात्र वासना का परिणाम नहीं हो सकता।’’ 

उपन्यास होते हुए भी रसकपूर अस्सी प्रतिशत इतिहास है, उपन्यास के सौ के लगभग पात्रों में केवल पाँच-सात नाम ही काल्पनिक हैं।

भूमिका से...

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2001
Edition Year 2021, Ed. 4th
Pages 380p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18 X 12 X 2.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Raskapur
Your Rating
Anand Sharma

Author: Anand Sharma

आनंद शर्मा

जन्म : 7 दिसम्बर, 1946, श्रीमहावीरजी (राजस्थान)।

शिक्षा : स्नातक।

लेखन-यात्रा : तेरह वर्ष की आयु से आरम्भ लेखन का प्रयास सोलह वर्ष की आयु में कहानियों, कविताओं और लेखों में बदल गया। अध्ययन काल में एन.सी.सी., निबन्ध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक पुरस्कार तथा प्रमाण-पत्र। सेना में रहने के कारण साहित्य सृजन में सैन्य प्रभाव आया। शौर्यपूर्ण गाथाओं के प्रति अभिरुचि जाग्रत हुई। सेना से लौटने पर 1968 में पत्रकारिता से जुड़ाव रहा। समाचार भारती, राजस्थान पत्रिका, राष्ट्रदूत होते हुए अप्रैल 1971 में साप्ताहिक ‘जयपुर क्रॉनिकल’ का संपादन-प्रकाशन आरम्भ किया। आपातकाल में अखबार जब्ती के बाद जनता शासन में पत्र का पुनः प्रकाशन। इतिहास के प्रति किशोरावस्था से ही विशेष रुचि। न्यायपालिका पर कलम चलानेवाले राजस्थान के एकमात्र पत्रकार।

कृतियाँ : इतिहास के नूपुर, रसकपूर, माधवी।

धर्मयुग, संडे मेल, राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, राजस्थान पत्रिका, जलते दीप आदि पत्र-पत्रिकाओं में इतिहास, साहित्य, कला, ज्योतिष, पुरातत्त्व, संस्कृति, न्यायपालिका, धर्म, आरोग्य, राजनीति, फिल्म, साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षा आदि डेढ़ दर्जन विषयों पर नियमित लेखन।

सम्प्रति : स्वतन्त्र पत्रकारिता और लेखन।

सम्पर्क : 645, किशोरकुंज, किशनपोल बाजार, जयपुर-302001

Read More
Books by this Author
Back to Top