Prayojanmulak Hindi : Prayog Aur Prakriti-Text Book

Author: Manoj Pandey
ISBN: 9788119133840
Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
₹275.00
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9788119133840
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हिन्दी को राजभाषा बनाने के पीछे संकल्पना यह थी कि हिन्दी देश में संप्रेषण और संवाद की मुख्य भाषा बने, राजकाज का प्रधान माध्यम बने और महज कार्यालयीन व्यवहार तक सीमित न रहे, बल्कि देशवासियों के बीच संपर्क का सेतु बने। संवैधानिक स्वीकृति मिलने के पहले से ही हिन्दी इस दिशा में प्रयत्नशील थी, परंतु आजादी के बाद निश्चित रूप से उसके कदम तेजी से आगे बढ़े। सरकारी प्रयास भी सहायक बने।

विगत कुछ दशकों से हिन्दी साहित्यानुशीलन ही नहीं, बल्कि जीविकोपार्जन की भाषा के रूप में देश के मानस-पटल पर अंकित हुई है। परिणामस्वरूप उसका अर्थ, स्वरूप और व्यवहार-क्षेत्र भी व्यापक हुआ है। धीरे-धीरे पाठ्यक्रमों में भी यह आवश्यकता महसूस की गई कि हिन्दी को उसकी भाषिक प्रयुक्तियों के आधार पर पढ़ा-पढ़ाया जाए। अनुवाद, जनसंचार, वाणिज्य, व्यवसाय, कम्प्यूटर, सोशल मीडिया आदि विविध क्षेत्रों में आज हिन्दी की सशक्त उपस्थिति को देखते हुए हिन्दी शिक्षण के प्रयोजनपरक पक्षों के शिक्षण-प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। यह पुस्तक इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हिन्दी के प्रयोजनमूलक पक्षों की प्रकृति को समझने का एक प्रयास है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 256p
Price ₹275.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Manoj Pandey

Author: Manoj Pandey

मनोज पाण्डेय

सन् 1974 में इलाहाबाद में जन्मे मनोज पाण्डेय हिन्दी आलोचना, प्रयोजनमूलक हिन्दी और मीडिया के अध्ययन-अध्यापन में विशेष अभिरुचि रखते हैं।

केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा में कुछ वर्ष अध्यापन। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की ‘स्वतंत्र भारत की पत्रकारिता’ विषयक शोध परियोजना से सम्बद्ध रहे। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से जुड़कर यूनिसेफ़ द्वारा वित्तपोषित एक परियोजना में भी कुछ समय कार्य किया।

साहित्य से जुड़े नए प्रसंगों, नए विमर्शों पर सतत चिन्तन-लेखन। इन अनुशासनों पर 8 पुस्तकें तथा कई शोध लेख एवं आलेख प्रकाशित।

 

सम्प्रति : राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में अध्यापन।

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