Lakhara Pagal

Author: Giju Bhai
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Lakhara Pagal
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‘लखड़ा पागल’ बाल साहित्यकार गिजुभाई द्वारा लिखी कहानियों का संकलन है। इसका अनुवाद सां. जे. पटेल (सूरजदादा) ने किया है। बाल मनोविज्ञान की समझ के साथ यह पुस्तक कथानक के अंतरसूत्रों की पड़ताल करती है। यही कारण है कि संग्रह की कहानियों में स्पष्टता और वात्सल्य का बोध अन्तर्निहित है।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2011
Edition Year 2011, Ed. 1st
Pages 48p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 0.3
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Author: Giju Bhai

गिजुभाई

गिजुभाई बधेका गुजराती भाषा के लेखक और महान शिक्षाशास्त्री थे। उनका पूरा नाम गिरिजाशंकर भगवान जी बधेका था। इन्होंने बाल मंदिर नामक विद्यालय की स्थापना की। अपने प्रयोगों और अनुभवों के आधार पर उन्होंने बताया था कि बच्चों के सही विकास के लिए, उन्हें देश का उत्तम नागरिक बनाने के लिए, किस प्रकार की शिक्षा देनी चाहिए और किस ढंग से। इसी ध्येय को सामने रखकर उन्होंने बहुत-सी बालोपयोगी कहानियाँ लिखीं। ये कहानियाँ गुजराती में थीं। ‘मेरी पाठशाला’ में संकलित सूत्र शैली के संवाद भी गुजराती से अनूदित हैं।

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