Kya Khayen Jab Bimar Paden

Author: Madhuri Gupta
As low as ₹89.10 Regular Price ₹99.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Kya Khayen Jab Bimar Paden
- +

‘रैसिपी बुक’ मोटापा, गठिया, उच्च रक्तचाप, पीलिया, ऑस्टियोपोरोसिस, दस्त, मधुमेह—गुर्दे, हृदय, अल्सर, क़ब्ज़ जैसी बीमारियों के बारे में जानकारी देने के अलावा यह भी बताती है कि किस प्रकार अपने आहार में चुनिन्दा चीज़ों को सेवन करने से हम इन रोगों को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही इस पुस्तक में पाठकों के लिए विविध व्यंजन-विधियों की सरल और सम्पूर्ण जानकारी भी दी गई है। एक परिशिष्ट में ‘आहार सम्बन्धी नियम’, ‘पोषक तत्त्वों की सुरक्षा’ के अतिरिक्त ‘शेष बचे खाद्य-पदार्थों के उपयोग पर महत्त्वपूर्ण टिप्स’ भी दिए गए हैं। पुस्तक में लिखित प्रत्येक पाक-विधि आसान भाषा में लिखी गई है और वह भी विशिष्ट डॉक्टरों से विचार-परामर्श करने के बाद।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2006
Edition Year 2017, Ed. 3rd
Pages 96p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 0.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Kya Khayen Jab Bimar Paden
Your Rating
Madhuri Gupta

Author: Madhuri Gupta

माधुरी गुप्ता

जन्म : 1947; आगरा।

शिक्षा : एम.ए. समाजशास्त्र।

पाक कला में बचपन से ही विशेष रुचि होने के कारण ही उन्होंने व्यंजन-विधि लेखन-कार्य बहुत जल्द शुरू कर दिया था। शादी के बाद देश के विभिन्न प्रदेशों में निवास के दौरान उनका यह कार्य अभिरुचि में बदल गया और इसमें निरन्तर वृद्धि होती गई। इस दौरान उन्होंने देश-प्रदेश के विविध व्यंजनों को चखा, अपनाया व कुछ नई व्यंजन-विधियाँ भी विकसित कीं।

उनकी व्यंजन-विधियाँ हिन्दी की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं—‘सरिता’, ‘गृहशोभा’, ‘मनोरमा’, ‘मेरी सहेली’, ‘मधुरिमा’, ‘वनिता’, ‘अमर उजाला’, ‘दैनिक जागरण’, ‘नवभारत टाइम्स’ आदि में निरन्तर प्रकाशित होती रहती हैं।

इसके अतिरिक्त बाल-कविता व नारी-जगत से सम्बन्धित विविध विषयों पर आलेख भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। ऑल इंडिया रेडियो के महिला जगत कार्यक्रम में अब तक कई वार्ताएँ प्रसारित। समय-समय पर आयोजित विभिन्न व्यंजन प्रतियोगिताओं में भी पाक-विधियाँ पुरस्कृत (जी.टी.वी. खाना-ख़ज़ाना, दूरदर्शन का ‘पकवान’ कार्यक्रम)।

व्यंजन-विधियों पर उनकी अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

Read More
Books by this Author
Back to Top