परितोष चक्रवर्ती की इन कहानियों के प्रत्येक कथ्य में कुछ ऐसा नया अनुभव या विचार है, जो उनकी कहानी के गहरे यथार्थ को समझने के लिए विवश करता है।

वैसे तो इस संकलन की सभी कहानियाँ ‘प्रेम की संवेदना’ को समर्पित हैं, लेकिन यह प्रेम के साथ-साथ आज के बाज़ारवाद में विशृंखलित होते हुए प्रेम, संवेदना और इंसानी सम्बन्धों की क्षीण होती हुई मनोभावना और उसके महीन यथार्थ को भी गहराई से प्रस्तुत करती हैं।

प्रेम नाम की नैसर्गिक भावना और सच्चाई में परितोष चक्रवर्ती ने आज के बदलते भावनात्मक सत्य और तथ्यों को बड़ी कुशलता से पेश किया है।

इस संग्रह में उनकी कुछ आरम्भिक कहानियाँ भी सम्मिलित हैं, लेकिन उनकी भावप्रवणता में भी कोई कमी नहीं है।

—कमलेश्वर

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Edition Year 2005
Pages 111p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Koi Naam Na Do
Your Rating

Author: Paritosh Chakraborti

परितोष चक्रवर्ती

जन्म : 1951, सक्ती (छत्तीसगढ़) में।

शिक्षा : एम.ए., समाजशास्त्र; बैचलर ऑफ़ जर्नलिज्म।

मूलत: कथाकार किन्तु कविता, रिपोर्ताज, व्यंग्य एवं नाटक में भी मन रम जाता है। ...‘कोई नाम न दो’ (कहानी-संग्रह) सहित विभिन्न विधाओं में कई पुस्तकें प्रकाशित।

कार्य : पत्रकारिता से शुरुआत की, फिर सरकारी नौकरी—लगभग एक दर्जन संस्थानों में काम किया।

सम्मान : ‘वागेश्वरी सम्मान’, ‘प्रमोद वर्मा पुरस्कार’ आदि कई सम्मानों से सम्मानित।

सम्प्रति : राष्ट्रीय पाक्षिक ‘लोकायत’ (हिन्दी व अंग्रेज़ी) का सम्पादन।

Read More
Books by this Author
Back to Top