Kailash Gautam Samagra : Vols. 1-3-Hard Cover

Special Price ₹2,100.00 Regular Price ₹3,000.00
You Save 30%
ISBN:9789352211814
In stock
SKU
9789352211814
- +

‘कैलाश गौतम समग्र’ (तीन खंड) वस्तुतः समय के सच को रेखांकित करते हुए, चुनौतियों में जूझते हुए आम जनमानस की ही आवाज़ है। यह सहज साहित्यिक मौलिक अभिव्यक्ति का बोलता-बतियाता दस्तावेज़ है।

सुव्यवस्थित दुर्व्यवस्था की विद्रूपताओं-विसंगतियों पर चोट के साथ-साथ, राग-अनुराग मिलन-मनुहार विछोह भी है। बदलते हुए गाँव और शहरीकरण का टूटता तिलस्म भी। ‘गंगा’, ‘झुनिया’, ‘अमावस्या का मेला’, ‘कचहरी’, ‘भाभी की चिट्ठी’, ‘कुर्सी’, ‘अन्हरे से लड़ाई’, ‘पप्पू की दुलहिन’, ‘रामलाल का फगुआ’, ‘धुरन्‍धर’, ‘मीराबाई’ जैसी अनेकानेक कालजयी रचनाएँ भी जो आम आदमी से लेकर शीर्षस्थ आलोचकों व समीक्षकों के भी ज़ुबान पर हैं। वे सारे पात्र और देसज मुहावरे सब सजीव हो उठते हैं, ऐसा लगता है। इसमें लोकबोली की मिठास के साथ ही तीज-त्योहारों, हँसी-ख़ुशी और पनप रहा फीकापन भी है। महँगाई की मार है तो रिश्तों की मिठास-खटास भी।

तीन खंडों में प्रस्तुत यह समग्र कैलाश गौतम के गद्य-पद्य का समूचा रचना-संसार है। सुविख्यात सम्‍पादकों व आलोचकों की भूमिकाओं के साथ मनकवि-जनकवि कैलाश गौतम की रचनात्मक अभिव्यक्ति का एक निष्पक्ष, सच्चा और सारगर्भित लेखा-जोखा है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 582P
Price ₹3,000.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 9
Write Your Own Review
You're reviewing:Kailash Gautam Samagra : Vols. 1-3-Hard Cover
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Kailash Gautam

Author: Kailash Gautam

कैलाश गौतम

राष्ट्रीय स्तर के काव्य-मंचों के प्रतिष्ठित, लोकप्रिय, जनकवि के रूप में विख्यात तथा भोजपुरी के ख्यातिलब्ध बहुचर्चित कवि कैलाश गौतम का जन्म 8 जनवरी, 1944 को वाराणसी के डिग्घी, चन्दौली में हुआ। उन्होंने बी.ए. की शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से, बी.एड. गोरखपुर विश्वविद्यालय से तथा एम.ए. की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रहण करने के उपरान्त आकाशवाणी से बतौर वरिष्ठ उद्घोषक, विभागीय कलाकार के रूप में 1967 से 2004 तक कार्य किया। तत्पश्चात् हिन्दुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष पद का कार्यभार सँभाला।

‘यश भारती सम्मान’, ‘लोकभूषण सम्मान’, ‘राहुल सांकृत्यायन सम्मान’, ‘ऋतुराज सम्मान’, ‘परिवार सम्मान’, ‘निराला सम्मान’, ‘महादेवी सम्मान’ आदि से सम्‍मानित।

निधन : 9 दिसम्बर, 2006

Read More
Books by this Author

Back to Top