Kabir Aur Eisaai Chintan

Author: M. D. Thomas
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Kabir Aur Eisaai Chintan

कबीर को नए सन्दर्भों में व्याख्यायित करने के प्रयत्न हुए हैं।...हिन्दी में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने कबीर का नया विचारोत्तेजक विवेचन प्रस्तुत करते हुए उन्हें सभी सन्दर्भों में देखा-परखा, एक प्रकार से पुनर्स्थापित किया। शोध के माध्यम से भी कबीर के पुनर्मूल्यांकन के कार्य हुए। पर लगता है कि कबीर आज भी हमारे लिए चुनौती हैं और नए विवेचन की माँग करते हैं। इस दृष्टि से डॉ. एम.डी. थॉमस की पुस्तक ‘कबीर और ईसाई चिन्तन’ एक नए शोध-प्रयत्न के रूप में देखी जानी चाहिए।
डॉ. एम.डी. थॉमस ईसाई धर्म के प्रति एक व्यापक दृष्टि रखते हैं और कबीर तथा ईसाई चिन्तन में साम्य की खोज करते हुए, वे कई पूर्वग्रहों से मुक्त हैं।...डॉ. थॉमस भारतीय ईसाइयत के स्वरूप की कल्पना भी इस आधार पर करते हैं।...इसलिए डॉ. थॉमस परिश्रम करके उन साम्य बिन्दुओं की खोज करते हैं जो कबीर और ईसाई चिन्तन में सम्भव हुए हैं।...उन्होंने धर्म की उदार व्याख्या की है। उनके शब्द हैं : ‘‘ईश्वर का ज्ञान क्रियात्मक है। वह उसकी अपनी रचनाओं का सारतत्त्व है।...जिस प्रकार सूर्य जल में प्रतिबिम्बित होता है, ठीक उसी प्रकार ईश्वर मनुष्य में प्रतिफलित होता है। ईश्वर के इस प्रयोगपरक आशय में...स्वयं ईश्वर-चिन्तन को एक नई दिशा मिल जाती है। ईश्वर को समझना हो तो मनुष्य को समझना ही आवश्यक है।’’
डॉ. थॉमस ने अपनी पुस्तक में कबीर की प्रासंगिकता पर विशेष ध्यान दिया है।...कुछ स्थलों पर डॉ. थॉमस ने मौलिक विवेचन-क्षमता का परिचय दिया है, जो विचारणीय है।...डॉ. थॉमस मलयालमभाषी हैं, पर उनकी हिन्दी में कोई शिथिलता नहीं, और यह प्रसन्नता का विषय है। मेरा विश्वास है कि इस विचारोत्तेजक पुस्तक का स्वागत होगा और वर्तमान सांस्कृतिक सन्दर्भ में इसकी प्रासंगिकता नई प्रेरणा प्रदान कर सकेगी।

—प्रेमशंकर

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2003
Edition Year 2022, Ed. 2nd
Pages 355p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 2.5
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M. D. Thomas

Author: M. D. Thomas

एम.डी. थॉमस

आपका जन्‍म जून 1953 में मूलमट्टम, इडिक्की, केरल में हुआ। आपने काशी हिन्‍दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से हिन्‍दी साहित्य में ‘कबीर और ईसाई चिन्तन का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से हिन्‍दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में प्रथमा, मध्यमा और बी.म्यूज़ किया। आपने अर्बन विश्वविद्यालय, रोम से ‘बाइबिल और तुलनात्मक धर्म-दर्शन’ पर बी.टीएच. भी हासिल किया है।

आप ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ हारमनी एंड पीस स्टडीज़’, नई दिल्ली के संस्थापक निदेशक हैं। ‘खुली सोच से सामाजिक तालमेल की ओर’ आपकी ज़िन्‍दगी का परम आदर्श है, आपके संस्थान का भी। आप ‘समन्वय धर्म और संस्कृति संस्थान’, उज्जैन के संस्थापक निदेशक एवं ‘सर्वधर्म समन्वय आयोग’, ‘सी.बी.सी.आई.’ (कैथोलिक ईसाई समुदाय के राष्ट्रीय संघ), नई दिल्ली के राष्ट्रीय निदेशक और अर्ध-वार्षिक सर्वधर्म पत्रिका ‘फ़ेलोशिप’ के सम्‍पादक भी रहे हैं। आप धर्म के साथ-साथ कबीर, ईसाई दर्शन, बाइबिल, शिक्षा, बहु-सांस्कृतिक दृष्टिकोण और सामाजिक विषयों पर विद्वत्ता रखते हैं।

आपकी विशेषज्ञता के और भी विषय हैं, जैसे—संवैधानिक मूल्य, विविध धर्म-ग्रंथ, धर्मों के मूल्य, सामाजिक नैतिकता, साझी संस्कृति, मानव अधिकार, राष्ट्रीय समरसता, सामाजिक समन्वय और समसामयिक मुद्दे। आपने 100 से अधिक महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और 30 से अधिक शहरों में विद्यालय के शिक्षकों के लिए एक दिवसीय संगोष्ठियों में व्याख्यान दिए हैं। आप कई विश्वविद्यालयों में अतिथि प्रोफ़ेसर के साथ-साथ पीएच.डी. के छात्रों के शोध-परीक्षक भी रहे हैं।

अब तक हिन्‍दी और अंग्रेज़ी में विविध विषयों पर आपके सैकड़ों लेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप उत्कृष्ट योगदान के लिए कई पुरस्कारों और सम्मान-पत्रों से सम्‍मानित किए जा चुके हैं। ‘कबीर और ईसाई चिन्‍तन’ तथा ‘मूल्य बाइबिल के’ आपकी दो पुस्तकें हैं जो हिन्‍दी अकादमी, दिल्ली और इंडियन कैथोलिक प्रेस एसोसिएशन से पुरस्कृत हैं। ‘समन्वय धारा’ और ‘मूल्य बाइबिल के’ आपके दो संगीत एलबम हैं जो ‘सर्वधर्म मूल्य’ और ‘बाइबिल के मूल्य’ पर आधारित हैं।

ई-मेल : mdthomas53@gmail.com

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