प्रज्ञा रावत का हिन्दी कविता-संसार में प्रवेश एक विरल घटना है। घर-परिवार के तमाम कार्यभार के बीच अपने निजी एकान्त में निरन्तर सृजनशील प्रज्ञा ने कभी अपने को प्रक्षेपित नहीं किया, बल्कि श्लाघनीय निस्पृहता के साथ अपना रचना-कर्म जारी रखा। निजी अनुभवों के ताप से सिद्ध ऐसी प्रखर कविताएँ पहले कभी लिखी नहीं गईं। इनके सर्वथा नए एवं विलक्षण जीवन-प्रसंग भाषा को नई गृहस्थी प्रदान करते हैं, जहाँ कविता नया कलेवर, नया परिपाक एवं आभरण ग्रहण करती है।

प्रज्ञा रावत की कविताएँ अपने अनूठे सम्भार एवं रूप-विधान के लिए अलग से सराही जाएँगी। दुर्लभ बिम्बों एवं अनगिनत लयों का सम्पुंजन इन्हें एक पृथक् व्यक्तित्व प्रदान करता है। प्रज्ञा की कविताएँ अपने सौष्ठव एवं संरचनागत दृढ़ता के लिए सहृदय समालोचकों द्वारा पहले भी समादृत हो चुकी हैं। यह निःसंकोच कहा जा सकता है कि प्रज्ञा रावत सभी स्त्री रचनाकारों से भिन्न नितान्त नवीन एवं स्वतंत्र स्वत्व से समृद्ध कवयित्री हैं। यहाँ न तो स्त्री-विमर्श का कोई अतिरंजित स्वर है, न ही कोई अन्य ग्रन्थि। जो है, जीवन का सहज स्वीकार और अभिव्यक्ति है, बहुत कुछ सुभद्राकुमारी चौहान की तरह। इसलिए प्रज्ञा रावत का यह संग्रह एक नए रचना उन्मेष के तौर पर स्वीकार किया जाएगा।

—अरुण कमल

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Language Hindi
Format Hard Back
Edition Year 2012
Pages 84p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 0.5
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Pragya Rawat

Author: Pragya Rawat

प्रज्ञा रावत

जन्म : 2 दिसम्बर, 1961; झाँसी (उ.प्र.); बचपन से आज तक भोपाल में ही शिक्षा-दीक्षा और जीवनयापन।

पिता का मैसूर (कर्नाटक) रीजनल कॉलेज स्थानान्तरण होने के कारण 1972 से 75 तक मैसूर में अध्ययन।

पिछले लगभग दस वर्षों से लेखन में प्रवृत्त। अभी तक ‘साक्षात्कार’, ‘प्रगतिशील वसुधा’, ‘वागर्थ’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘परिकथा’, ‘शब्दयोग’, ‘देशज’, ‘अन्यथा’, ‘कथादेश’, ‘प्रेरणा’, ‘लमही’, ‘संगिनी’, ‘युद्धरत आम आदमी’, ‘राग भोपाली’, ‘समावर्तन’, ‘इतिहासबोध’, ‘रविवारीय जनसत्ता’, ‘रसरंग’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘पीपुल्स समाचार’, ‘नवभारत’, ‘नई दुनिया’, आदि पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ तथा लेख प्रकाशित। कुछ कविताएँ पंजाबी व बांग्ला में अनूदित और प्रकाशित।

थियेटर और गायन में गहरी रुचि। बड़े बेटे मल्हार के साथ एक लघु फ़िल्म ‘समुद्र के बारे में’ का निर्माण।

सम्मान : ‘साहित्य सुरभि अलंकरण’, ‘वागीश्वरी सम्मान’।

सम्प्रति : मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के शासकीय महाविद्यालय, बेनजीर, में अंग्रेज़ी की प्रवक्ता।

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