Hindi Sahitya Aur Nari Samaj-Hard Back

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संसार के समस्त प्राणियों में 'स्त्री' मानव समाज की अपनी दुनिया है। यह जानने, समझने के बावजूद स्त्री घर के भीतर और बाहर समाज में उपेक्षित, अपमानित और प्रताड़ित होती रही है। कभी उसने प्रतिरोध किया तो कभी विरोध। हर हाल में झेलना स्त्री को ही पड़ा है। कभी परिस्थितियों की प्रतिकूलता ने उसे संघर्षमय बनाया तो कभी अपनों की अनाकुलता के कारण उसे विषमताओं को झेलना पड़ा। यदि वह उनसे उभरती तो कोई न कोई कलंक उसे कलुषित करता। मानो स्त्री कोई वस्तु है, जिसे प्रत्येक स्तर पर अपने आपको ढालना है। स्त्री, स्त्री है तभी वह ऐसा करने में सक्षम है। नारी मानव समाज का अभिन्न अंग है। समाज की ही भाँति साहित्य में भी नारी को लेकर कई विचारधाराएँ हैं। समय चाहे कोई भी रहा हो नारी के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। परिणामस्वरूप समय-समय पर नारी की स्थिति में परिवर्तन आया। सामाजिक रूप से नारी की स्थिति में आए परिवर्तन का प्रभाव हिन्दी साहित्य पर भी पड़ा, क्योंकि साहित्य समाज का प्रतिबिम्ब होता है। साहित्य मानव जीवन की ही प्रतिछाया है। समाज में नारी की गतिविधियों, चित्तवृत्तियों के अनुरूप हिन्दी साहित्य में भी नारी का चित्रण मिलता है। इस पुस्तक में नारी की सामाजिक और साहित्यिक स्वरूप को समझने और समझाने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक समाज और साहित्य दोनों दृष्टियों से नारी के स्वरूप को एकत्र करने का सत्प्रयत्न है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 116p
Price ₹300.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Nagratna Rao

Author: Nagratna Rao

डॉ. नागरत्ना राव

जन्म : जून 1971, धारवाड़, कर्नाटक।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी., स्नातकोत्तर डिप्लोमा (अनुवाद), स्नातकोत्तर डिप्लोमा (भाषा विज्ञान)।

प्रकाशन : ‘साठोत्तर हिन्दी नाटकों में नारी’, ‘प्रेमचन्द : एक पुनर्मूल्यांकन’ (सं.), ‘हिन्दी तथा कन्नड़ दलित कहानी’, ‘हिन्दी साहित्य : विविध विमर्श’, ‘डॉ. जयन्ती प्रसाद नौटियाल’ (सं.), ‘सन्त सेवालाल’ (अनूदित), ‘युग पुरुष गुरु गोविन्द सिंह’ (सं.), ‘सैद्धान्तिक हिन्दी व्याकरण’, ‘व्यावहारिक हिन्दी व्याकरण’।

राष्ट्रीय एवं अन्‍तरराष्ट्रीय सम्मेलनों में क़रीब 70 से अधिक शोध लेख प्रस्तुत। समसामयिक विषयों पर शोध लेख प्रकाशित।

सम्मान : ‘महादेवी वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार’, उदयपुर, (2014-15); ‘अमृता प्रीतम साहित्यिक राष्ट्रीय पुरस्कार, नागपुर, (2015-16); ‘राष्ट्रीय साहित्य सम्मान’, करनाल, हरियाणा, (2016-17); ‘राष्ट्रीय साहित्य सम्मान’, विकासपुरी, नई दिल्ली, (2017-18); ‘उत्तम एन.एस. अधिकारी राज्य पुरस्कार’, (2012-13)।

सम्प्रति : एसोशिएट प्रोफ़ेसर एवं संयोजक, स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग, मंगलूरू विश्वविद्यालय।

 

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