Hindi Ghazal Ki Nayi Dishayen

Author: Sardar Mujavar
Edition: 2024, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Hindi Ghazal Ki Nayi Dishayen

आज हिंदी कवियों का एक बड़ा वर्ग ग़ज़लों की ओर झुकता दिखाई दे रहा है। अपनी संक्षिप्तता, गहराई और क्षिप्रता के कारण इस विधा ने हर किसी को अपनी ओर आकर्षित और प्रभावित किया है। एक विदेशी विधा होने के बावजूद ग़ज़ल भारत की आबोहवा, यहाँ के सांस्कृतिक वातावरण में पूरी तरह घुल-मिल गई है। हिंदुस्तान की मिट्टी में लगाया गया यह ईरानी पौधा आज एक दरख़्त बनकर फैल चुका है।

‘हिंदी ग़ज़ल की नई दिशाएँ’ बीस आलेखों का संकलन है जो हिंदी की नई ग़ज़ल के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। हिंदी की नई ग़ज़ल क्या है? उसकी तासीर, उसका मिज़ाज क्या है? कौन-सी चुनौतियाँ और क्या-क्या संभावनाएँ उसके सामने हैं? उसकी प्रमुख प्रवृत्तियाँ क्या हैं और आज हिंदी ग़ज़ल किन दिशाओं की ओर अग्रसर है, इन तमाम सवालों का सटीक उत्तर देने की कोशिश इस पुस्तक में की गई है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2000
Edition Year 2024, Ed. 2nd
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Author: Sardar Mujavar

सरदार मुजावर

सरदार मुजावर का जन्म 5 मई, 1953 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के केरवले में हुआ। उन्होंने हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल.,

पी-एच.डी. और डी. लिट्. की उपाधि प्राप्त की। किसनवीर महाविद्यालय के हिंदी विभाग में  स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्यापन किया। विभागाध्यक्ष रहे।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—हिंदी ग़ज़ल की नई दिशाएं, हिन्दी ग़ज़ल का वर्तमान दशक, हिन्दी ग़ज़ल : ग़ज़लकारों की नज़र में, हिन्दी ग़ज़ल के विविध आयाम, झरोखे से झाँकता चाँद, यादों के झरोखों से आदि।

उन्हें महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अकादमी पुरस्कार तथा शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के गुणवत शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

ई-मेल : hindigazal@gmail.com

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