Hasya Vyang Ki Shikhar Kavitaye

Author: Arun Gemini
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Hasya Vyang Ki Shikhar Kavitaye
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हिन्दी में हास्य-व्यंग्य कविताओं का उदय मुख्यतः स्वतंत्रता के बाद हुआ। बेढब बनारसी, रमई काका, गोपालप्रसाद व्यास और काका हाथरसी आदि कवियों ने हिन्दी की ज़मीन में हास्य-व्यंग्य कविताओं के बीज बोए। कालान्‍तर में, ख़ासकर सन् 1970 के बाद, ये बीज भरपूर फ़सल बने और लहलहाए। जीवन में बढ़ते तनाव ने हास्य-व्यंग्य को कवि सम्मेलनों के केन्द्र में स्थापित कर दिया। इसने लोकप्रियता के शिखर छुए। देश में ही नहीं, विदेश में भी। हिन्दीभाषियों में ही नहीं, अहिन्दीभाषियों में भी।

इस ऐतिहासिक प्रक्रिया में कुछ कविताओं की भूमिका विशेष रही। इस पुस्तक में वही कविताएँ प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस दृष्टि से कि कोई एक संकलन ऐसा हो, जो हिन्दी की सर्वाधिक सराही गई हास्य-व्यंग्य कविताओं का प्रतिनिधित्व सचमुच कर सके। इस दृष्टि से भी कि हिन्दी की महत्त्वपूर्ण हास्य-व्यंग्य कविताओं के समुचित मूल्यांकन के लिए आधार-सामग्री एक जगह उपलब्ध हो सके।

उम्मीद है कि प्रस्तुत प्रयास आज़ादी के बाद की हास्य-व्यंग्य प्रधान कविताओं और उनमें व्यक्त देश-काल की विडम्बनाओं-विद्रूपताओं को रेखांकित करने की भूमिका अदा करेगा; और कविता-संवेदना की इस धारा की क्षमताओं को सामने लाने में भी सफल होगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2013
Edition Year 2018, Ed. 2nd
Pages 240P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Arun Gemini

Author: Arun Gemini

अरुण जैमिनी

जन्म : 22 अप्रैल, 1959

शिक्षा : विधिवत् शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए.।

‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘माधुरी’, ‘पराग’, ‘दैनिक हिन्दुस्तान’, ‘जनसत्ता’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘नवभारत’, ‘सांध्य टाइम्स’, ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘सहारा समय’, ‘अहा! ज़ि‍न्‍दगी’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।

आकाशवाणी, दूरदर्शन, सोनी टी.वी., ज़ी.टी.वी., ज़ी इंडिया, एन.ई.पी.सी., जैन टी.वी., सब टी.वी. आदि अनेक चैनलों से प्रसारित।

दूरदर्शन से प्रसारित ‘धरती का आँचल’ के 26 एपिसोड्स का संचालन। एन.ई.पी.सी. से प्रसारित ‘हँसगोला’ के 26 एपिसोड्स का संचालन। ज़ी टी.वी. से प्रसारित ‘दरअसल’ के 13 एपिसोड्स का संचालन। दूरदर्शन मैट्रो से प्रसारित ‘ताल-बेताल’ के 13 एपिसोड्स का संचालन। ज़ी इंडिया से प्रसारित ‘यही है पॉलिटिक्स’ के 10 एपिसोड्स का संचालन। अनेक टी.वी. कार्यक्रमों का पटकथा-लेखन। अनेक टी.वी. सीरियलों के लिए गीत-लेखन।

भारत के कोने-कोने में तथा संयुक्त राज्य अमरीका, थाईलैंड, हांगकांग, इंडोनेशिया, ओमान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, नेपाल, सिंगापुर आदि देशों में समय-समय पर आयोजित कवि सम्मेलनों के लोकप्रिय स्वर।

सन् 1996 में राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा द्वारा सम्मानित। सन् 1999 में ‘काका हाथरसी हास्य-रत्न सम्मान’ से सम्मानित। सन् 2000 में ‘ओम् प्रकाश आदित्य सम्मान’ से सम्मानित। सन् 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सम्मानित। दिल्ली सरकार की हिन्‍दी अकादमी द्वारा सन् 2004 के ‘काका हाथरसी सम्मान’ से सम्मानित। सन् 2005 के ‘टेपा सम्मान’ से सम्मानित।

हास्य-व्यंग्य कविताओं के एक संग्रह ‘फ़‍िलहाल इतना ही’ के अनेक संस्करण प्रकाशित।

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