Deshaj adhunikta

Author: Anupam Anand
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Deshaj adhunikta
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यहापि आधुनिक मूल्यों के प्रति हिन्दी साहित्य में पाई जानेवाली तीव्र चेतना पाश्चात्य प्रभावों से अधिक जुड़ी प्रतीत होती है, परन्तु क्या इन मूल्यों की जड़े अपने पारम्परिक साहित्य में नहीं थीं? क्या आदिकाल से प्रगतिवाद के पूर्व तक का सम्पूर्ण साहित्य आधुनिकता के चेतना से मुक्त था? क्या भक्तिकाल में निर्गुण-सगुण, आत्मा-परमात्मा, जड़-चेतन से परे सामाजिक चेतना का अभाव था? इन सभी प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने के लिए हमें अत्यन्त गहराई से अपनी देशज बोलियों में रचे गए साहित्य का सूक्ष्म अवलोकन करना होगा। संवेदनात्मक स्तर पर इस साहित्य के अवलोकन के उपरान्त यहाँ प्रत्येक कवि व लेखक की रचना में कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में आधुनिकता अवश्य पाई जाएगी ।
क्या तुलसी के राम साम्राज्यवाद विस्तार के लिए संघर्षरत रहते हैं? नहीं, तुलसी के राम बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने के लिए संघर्षशील रहते हैं। इस रूप में यह संघर्ष आधुनिकता का सन्दर्भ है। 

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Anupam Anand

Author: Anupam Anand

अनुपम आनन्द

अनुपम आनन्द का जन्म 11 अगस्त, 1988 ई० को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित मऊ-गोरपुर गाँव के एक कृषक परिवार में हुआ।
एम.ए., पी-एच. डी. की शिक्षा हिन्दी विषय से प्राप्त करने के साथ उन्होंने पत्रकारिता में एम.जे. की उपाधि प्राप्त की। आलोचना उनके लेखन का मुख्य विषय है। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं— ‘नवजागरण के निकष पर’, ‘सहस्त्राब्दि के अग्रदर्शी आधुनिक कबीर’ तथा ‘हिन्दी पत्रकारिता एवं रचनात्मक नवलेखन’। अनेक लेख और शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
विभिन्न सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित। 2023 में ‘राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान’, उत्तर-प्रदेश द्वारा आलोचना पुस्तक ‘नवजागरण के निकष पर’ को ‘डॉ. श्याम सुन्दर दास पुरस्कार’ 2023 प्रदान किया गया।
सम्पर्क : 1/93, विभवखण्ड, गोमती नगर, लखनऊ-226 010 (उत्तर प्रदेश)
इमेल : anupam.anand10@gmail.com

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