Bharat Ki Bhashayen Evam Bhashik Ekta Tatha Hindi

Edition: 2016, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Bharat Ki Bhashayen Evam Bhashik Ekta Tatha Hindi
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भारत में भाषाओं , प्रजातियों , धर्मों , सांस्कृतिक परम्पराओं एवं भौगोलिक स्थितियों का असाधारण एवं अद्वितीय वैविध्य विद्यमान हैं । विश्व के इस सातवें विशालतम देश को पर्वत तथा समुद्र शेष एशिया से अलग करते हैं जिससे इसकी अपनी अलग पहचान है , अविरल एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है ; राष्ट्र की अखण्डित मानसिकता अनेकता में है । एकता तथा एकता में अनेकता की विशिष्टता के कारण भारत को विश्व में अद्वितीय सांस्कृतिक लोक माना जाता है । भाषिक दृष्टि से भारत बहुभाषी देश है । प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय भाषाविज्ञान की बहुत - सी भ्रान्तियों को दूर करने की विनम्र पहल की गयी है तथा मौलिक, प्रामाणिक एवं अकाट्य मान्यताएँ एवं स्थापनाएँ प्रस्थापित हैं ।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 440p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2.5
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Mahavir Saran Jain

Author: Mahavir Saran Jain

महावीर सरन जैन

  जन्म 17 जनवरी , 1941  हिन्दी के अन्तरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान एवं प्रख्यात भाषावैज्ञानिक

शैक्षिक योग्यताएँ : एम.ए. ( हिन्दी ) ( 1960 ) , डी.फिल . ( हिन्दी - भाषाविज्ञान ) ( 1962 ) , डी.लिट् , ( हिन्दी भाषाविज्ञान ) ( 1967 ) ।

प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक , रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषाविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में कार्य किया तथा हिन्दी के अध्ययन अध्यापन एवं अनुसन्धान तथा हिन्दी के प्रचार - प्रसार विकास के क्षेत्रों में विश्व स्तर पर योगदान दिया है । प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के योजना आयोग के शिक्षा प्रभाग के सदस्य के रूप में कार्य किया । अनेक मन्त्रालयों की राजभाषा सलाहकार समितियों के सदस्य रहे ।

 25 से अधिक विश्वविद्यालयों के पी - एच . डी . एवं डी . लिट् . उपाधियों के लिए प्रस्तुत शताधिक शोध - प्रबन्धों का परीक्षण कार्य किया । अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलनों , परिसंवादों एवं संगोष्ठियों की अध्यक्षता की अथवा मुख्य व्याख्यान दिए ।

सम्मान

उत्तर प्रदेश सरकार का ' साहित्य भूषण पुरस्कार ' , भारतीय शिक्षा परिषद् , उत्तर प्रदेश द्वारा साहित्य वाचस्पति , डॉक्टर भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय , आगरा से ' ब्रज विभूति सम्मान ' , भारतीय राजदूतावास ,     बुकारेस्त ( रोमानिया ) बुकारेस्त विश्वविद्यालय में हिन्दी शिक्षण में योगदान के लिए ' स्वर्ण पदक ' ।

प्रमुख पुस्तकें

परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक अध्ययन , परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययन , अन्य भाषा शिक्षण , भाषा एवं भाषा विज्ञान , सूरदास एवं सूरसागर की भाव योजना , विश्वचेतना एवं सर्वधर्म सम्भाव , भगवान महावीर एवं जैन दर्शन , विश्व शान्ति एवं अहिंसा आदि

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