Bete Ko Kya Batlaoge

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Bete Ko Kya Batlaoge

प्रिय रमाकांत,

बहुत दिनों से तुम्हारी कोई कहानी नहीं पढ़ी। क्या बात है? खैरागढ़ जैसी दूर-दराज़ जगह पर बैठकर तुमने ‘मध्यान्तर’, ‘बेटे को क्या बतलाओगे’, ‘राजा जनक’ जैसी शानदार कहानियाँ लिखकर सभी का ध्यान आकृष्ट किया था। कम लिखकर भी आज के मनुष्य की पीड़ा और उसके विरोधाभासों को तुमने अपनी कहानियों में व्यक्त किया।

तुम्हारा अगला कहानी संकलन कब आ रहा है? नए संकलन में ‘राजा जनक’, ‘प्रेतबाधा’ और ‘उस्ताद के सुर’ कहानियों को ज़रूर शामिल करना। ‘उस्ताद के सुर’ तो हिन्दी की अपने क़िस्म की अलग कहानी है। उसे पढ़कर मुझे लगा था कि उस्ताद सितार बजा रहे हैं और मैं अपना कलैरेनट बग़ल में रखकर सामने दरी पर पालथी मारकर बैठा हुआ रस की फुहार में भीग रहा हूँ। ‘चुप साले’ कहानी में मैं कीचड़-भरी सड़क पर गाड़ी को धक्का लगा रहा हूँ। तुम्हारी चरित्र-सृष्टि में अक्सर मैं अपने को पाता रहा हूँ।

नए साल की शुभकामनाओं के साथ—

तुम्हारा

काशीनाथ सिंह

30 दिसम्बर, 1998

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1999
Edition Year 1999, Ed. 1st
Pages 139p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 18.5 X 12 X 1
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Author: Ramakant Shrivastava

रमाकांत श्रीवास्तव

 

रमाकांत श्रीवास्तव जन्म : 1942; पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ (छ.ग.). साठोत्तरी पीढ़ी के महत्त्वपूर्ण रचनाकार.

कहानी संकलन : मध्यान्तर, स्याही सोख़्ते, खानदान में पहली बार, बेटे को क्या बतलाओगे, टोरिकल का शहर;

उपन्यास : टूटे पुल; बाल कथा संकलन : चच्चा का कुत्ता, बच्चू चाचा के किस्से;

समीक्षा : भगवतीचरण वर्मा के उपन्यास : व्यक्तिवादी और नियतिवादी चेतना के सन्दर्भ; अन्य : साहित्यिक-सांस्कृतिक विषयों पर लगभग 80 लेख.

वृहत् शोध कार्य : छत्तीसगढ़ी कथागीत : सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, खण्ड-1-2; निबन्ध संग्रह : अमिताभ बनाम बुल्गानिन;

पटकथा : `पान’ रायपुर दूरदर्शन के लिये;

सम्पादन : वसुधा, सापेक्ष, कला सौरभ, लोक मड़ई.

पुरस्कार-सम्मान : `सुभद्रा कुमारी चौहान कथा पुरस्कार’ (म.प्र. साहित्य परिषद), `वागेश्वरी पुरस्कार’ (म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन), `अखिल भारतीय गजानन मुक्तिबोध पुरस्कार’ (म.प्र. साहित्य अकादमी), `मुक्तिबोध सम्मान’ महाराष्ट्र मंडल रायपुर (छत्तीसगढ़)।

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