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Navnita Devsen

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नवनीता देव सेन

जन्म : 13 जनवरी, 1938

दुनिया में आते ही कविगुरु रवीन्द्रनाथ ने नाम दिया—नवनीता! घर में साहित्यिक परिवेश। बचपन में ही लेखन का श्रीगणेश हो गया।

शिक्षा: एम.ए., पीएच.डी.।

बारह वर्ष की उम्र में पिता नरेन देव और माँ राधारानी देवी के साथ यूरोप-यात्रा।

पहला काव्य-संग्रह ‘प्रथम प्रत्यय’। पहला उपन्यास ‘आमि अनुपम’। साहित्य की हर विधा में लेखन। आपकी कहानी, उपन्यास, भ्रमण-वृत्तान्त, निबन्ध, कविता के साथ-साथ रम्य-साहित्य और विनोद कथाओं ने बांग्ला साहित्य जगत में अपनी अलग जगह बनाई है। ‘करुणा तोमार कौन पथ दिए’, ‘गल्प-गुजब’, ‘नटी नवनीता’, ‘प्रवासे दैवेर वशे’, ‘हे पूर्ण तव चरणेर काछे’, ‘सीता थेके शुरू’ आदि उल्लेखनीय पुस्तकें हैं।

सम्मान : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ के अलावा भारतीय भाषा परिषद का पुरस्कार, ‘बंगीय साहित्य परिषद पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’,‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’आदि से सम्मानित।

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