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Devraj

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डॉ. देवराज

जन्म : सन् 1955, नजीबाबाद (उत्तर प्रदेश)।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), ‘नई कविता में रोमानी और यथार्थवादी अवधारणाओं की भूमिका’ पर पीएच.डी.।

प्रमुख कृतियाँ : ‘चिनार’, ‘तेवरी’ (कविता-संग्रह); ‘नई कविता’, ‘संवेदना का साक्ष्य’, ‘नई कविता की परख’, ‘तेवरी चर्चा’, मणिपुरी कविता : ‘मेरी दृष्टि में’(समीक्षा-ग्रन्थ); ‘मणिपुरी लोककथा संसार’ (लोक-साहित्य), संकल्प और साधना (जीवनी-साहित्य)। ‘मीतै चनु’, ‘मणिपुर : विविध सन्दर्भ’, ‘मणिपुर : भाषा और संस्कृति’, ‘नवजागरणकालीन मणिपुरी कविताएँ’, ‘आधुनिक मणिपुरी कविताएँ’, ‘प्रतिनिधि मणिपुरी कहानियाँ’, ‘फागुन की धूल’, ‘माँ की आराधना’, ‘जित देखूँ’, ‘तुझे नहीं खेया नाव’, ‘आन्द्रो की आग’, ‘शिखर-शिखर’, ‘कमल : सम्पूर्ण रचनाएँ’, ‘कवि चाओबा : जीवन और साहित्य’, ‘प्रयास’, ‘क्षण के घेरे में घिरा नहीं’ (सम्पादित ग्रन्थ); ‘बीहड़ पथ के यात्री’ (सम्पादक-सदस्य)।

अन्य कार्य : सन् 1985 से भारत के सीमान्त राज्य, मणिपुर में रहकर सम्पूर्ण पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी प्रचार आन्दोलन, हिन्दी साहित्य और हिन्दी पत्रकारिता के विकास में भागीदारी। मणिपुर हिन्दी परिषद, इम्फाल मणिपुर संस्कृत परिषद, राष्ट्रीय हिन्दी परिषद; मेरठ, नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के आजीवन सदस्य। पूर्वोत्तर अध्ययन परिषद के संस्थापक-अध्यक्ष। हिन्दी लेखक मंच, मणिपुर के संस्थापक-सचिव। मणिपुर में हिन्दतरभाषी हिन्दी कवि-सम्मेलन परम्परा के प्रारम्भकर्ता। हिन्दी साहित्य में ‘तेवरी’ काव्यान्दोलन के प्रस्तुतकर्ताओं में प्रमुख। मणिपुर विश्वविद्यालय के मानविकी-संकाय के अधिष्ठाता एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहने के बाद सम्प्रति स्वतंत्र लेखन।

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