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Pratinidhi Kahaniyan : Qurratul Ain Haider-Paper Back

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क़ुर्रतुल ऐन हैदर उर्दू भाषा के सशक्त और चर्चित कथाकारों में हैं। मंटो, कृष्णचन्दर, बेदी और इस्मत चुग़ताई के बाद उभरनेवाली नस्ल में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान है।

क़ुर्रतुल ऐन हैदर की कहानियाँ प्रचलित प्रगतिशील कहानियों के मुक़ाबले नई शैली, नए माहौल और नई दुनिया को सामने लाती हैं। इनकी कहानियों में उच्च वर्ग, ग्लैमर भरा जीवन, अतीत की स्वप्नीली ख़ूबसूरत यादें, रिश्तों के टूटने, ख़ानदानों के बिखरने और अतीत के उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों के चूर-चूर हो जाने की त्रासदी का बेहद सूक्ष्म चित्रण मिलता है।

क़ुर्रतुल ऐन हैदर समाज में औरत की कमज़ोरी और बेबसी को उसकी पूरी सच्चाई के साथ स्वीकारने का हौसला रखती हैं। उन्होंने इसी सच्चाई को अपने कथा साहित्य में ईमानदारी से प्रस्तुत करने का भरसक प्रयत्न किया है।

यहाँ संकलित ‘कोहरे के पीछे’, ‘जिन बोलो तारा-तारा’, ‘हसब-नसब’, ‘आवारागर्द’ जैसी यथार्थवादी कहानियों के साथ ‘मलफ़ूज़ते हाजी गुलाबाना बेकताशी’ और ‘रौशनी की रफ़्तार’ शीर्षक कहानियाँ भी शामिल हैं जो उनकी सृजनशक्ति के नए आयामों को उद्घाटित करती हैं।

क़ुर्रतुल ऐन हैदर की कहानियाँ अपनी विषयवस्तु, चरित्र-सृष्टि, तकनीक, भाषा और शैली हर लिहाज़ से उर्दू कहानी साहित्य में उल्लेखनीय ‘इज़ाफा’ मानी जा सकती हैं। इनसान और इनसानियत पर गहरा विश्वास उनकी कहानी-कला और चिन्तन का केन्द्र बिन्दु है। इनकी कहानियों में प्रेम और घृणा, ख़ुशियाँ और ग़म, सुन्दरता और कुरूपता एक साथ मौजूद हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2008
Edition Year 2024, Ed. 6th
Pages 179p
Price ₹199.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18 X 12 X 1.5
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Qurratul Ain Haider

Author: Qurratul Ain Haider

क़ुर्रतुल ऐन हैदर

 

जन्म : 1927 में अलीगढ़ में। लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए.। अंग्रेज़ी पत्रिका 'इम्प्रिंट’ और 'इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया’ में कई वर्षों तक कार्य किया। उर्दू की नई कहानी को शुरू करनेवालों में से एक सुश्री हैदर का पहला कहानी-संग्रह ‘सितारों से आगे’ सन् 1947 में छपा। कहानी-संग्रह ‘पतझड़ की आवाज़’ पर वर्ष 1967 का ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’। इसके अतिरिक्त अनुवाद के लिए ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ (1969), ‘पद्मश्री’ (1984), ‘ग़ालिब मोदी अवार्ड’ (1984), ‘इक़बाल सम्मान’ (1987), ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ (1991) आदि से सम्मानित। 1994 में साहित्य अकादमी का ‘फ़ेलो’ बनाया गया।

प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास—‘मेरे भी सनमख़ाने’ (1949), ‘सफ़ीन-ए-ग़म-ए-दिल’ (1953), ‘आग का दरिया’ (1959), ‘कार-ए-जहाँ दराज़’ (1979), ‘निशान्‍त के सहयात्री’ (‘आख़ि‍र-ए-शब के हमसफ़र’ का रूपान्तर, 1979), ‘गर्दिश-ए-रंग-ए-चमन’ (1987), ‘चाँदनी बेगम’ (1990), ‘चाय के बाग़’ और ‘अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो’; कहानी-संग्रह—‘सितारों से आगे’ (1947), ‘शीशे के घर’ (1953), ‘पतझड़ की आवाज़’ (1966), ‘रौशनी की रफ़्तार’ (1981), ‘यह दाग़-दाग़ उजाला’ (1971); रिपोर्ताज़—‘कोहे दमावन’ (ईरान), ‘गुलगस्त’ (सोवियत संघ), ‘सितम्‍बर का चाँद’ (जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया), ‘जहान-ए-दीगर’ (अमरीका)।

निधन : 2007 में 80 साल की उम्र में निधन।

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