Kunjgali Nahin Sankri-Hard Back

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9789388211444
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कुंज़गली’ उपन्यास सूरजभान से शुरू होता है और उसके ममेरे बडे भाई बृजभान की पत्नी कल्याणी के प्रेम से गुज़रता हुआ सूरजभान के शवदाह पर ख़त्म। 'मणिकर्णिका’ जीवन की अन्तिम मंज़ि‍ल है और ‘कुँज़गली’ की भी। कहानी इन्हीं दोनों परिवारों के बीच बहती है, चलती नहीं। उसमें वेग है, प्रवाह है, धारा है। धारा में उतरिए और बहते चले जाइए। इस धारा से टकराते, जूझते, लड़ते पार लगने की जद्दोज़हद में है कल्याणी जो उपन्यास का केन्द्रीय पात्र है। वह अपने मानसिक, दैहिक संघर्षों में 'त्यागपत्र' के 'मृणाल' की याद दिलाती है। कुल मिलाकर उपन्यास दिलचस्प और पठनीय है। कथानक कसा हुआ और सुगठित है। भाषा में जगह-जगह बनारसीपन की छौंक है, लेकिन सधी हुई। —काशीनाथ सिंह
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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 105p
Price ₹300.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
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Anita Gopesh

Author: Anita Gopesh

अनीता गोपेश

जन्म : 24 अगस्त, 1954 (इलाहाबाद)।

शिक्षा : एम.एससी., डी.फिल. (प्राणि-विज्ञान)।

प्रकाशन : कथा-संग्रह : ‘कित्ता पानी’ ज्ञानपीठ प्रकाशन से प्रकाशित।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए फ्रीलांस लेखन; छात्र-जीवन से ही फ़ीचर, लेख, कहानियाँ प्रकाशित।

आकाशवाणी-दूरदर्शन से महिला, बच्चों के लिए लेख। साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए गम्भीर विषयों पर अनेक कहानियाँ, लेख, शब्द-चित्र तथा नाटक प्रसारित।

‘हंस’, ‘वागर्थ’, ‘पाखी’, ‘कथादेश’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘आजकल’ आदि में कहानियाँ, लेख आदि प्रकाशित। आकाशवाणी की प्रशिक्षित नाटक कलाकार, नगर की प्रतिष्ठित रंग-संस्था ‘इलाहाबाद आर्टिस्ट एसोसिएशन' की सक्रिय सदस्य। वर्तमान में प्रतिष्ठित रंग संस्था ‘समानांतर' की अध्यक्ष।

सम्प्रति : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राणि-विज्ञान विभाग में अध्यक्ष तथा मत्स्यकी में शोध कराने में संलग्न।



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