भारतीय संगीत का इतिहास अत्यंत गौरवमय और महत्त्वपूर्ण है। सुविख्यात संगीत-मर्मज्ञ अमल दाश शर्मा की यह कृति यद्यपि कुछ संत-भक्तों के लोकप्रसिद्ध पदों और गीतों को संगीतबद्ध करके स्वरलिपि के साथ प्रस्तुत करती है, लेकिन ‘भजन की इतिकथा’ नामक अनुच्छेद में उन्होंने संक्षिप्त किंतु परिच्छन्न रूप में सांगीतिक इतिहास को भी प्रतिध्वनित किया है। उपयुक्त रागों एवं तालों में निबद्ध जो लोकप्रिय भजन इस पुस्तक में संग्रहीत हैं, विद्यार्थियों से लेकर साधारण संगीतप्रेमियों तक, सभी के लिए सहज ग्राह्य हैं।
इसके अलावा श्री दाश ने छ: जनप्रिय भक्त कवियों अथवा गायकों की जीवनियाँ भी इस पुस्तक में शामिल की हैं, जिससे इसकी उपयोगिता में वृद्धि हुई है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 1990 |
Edition Year | 2024, Ed. 2nd |
Pages | 112p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14.5 X 1.5 |