Suchitra Bhattacharya
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सुचित्रा भट्टाचार्य
जन्म : 10 जनवरी, 1950
कॉलेज जीवन में ही विवाह। सरकारी नौकरी।
बचपन से ही साहित्य से गहरा लगाव। सन् ’60 के दशक के उत्तरार्द्ध में लेखन की शुरुआत। जीवन के विविध पक्षों और समस्याओं पर सशक्त पकड़ रखने के साथ-साथ, ख़ासकर औरत की व्यथा-कथा, समस्या, यंत्रणा और उपलब्धियों की जीवन्त तसवीर आँकने में विशेष सिद्धहस्त। उनका लेखन इनसानी रिश्तों और उनकी आपसी जटिलताओं की बार-बार वकालत करता है।
प्रमुख कृतियाँ : ‘मैं हूँ रायकिशोरी’, ‘हेमन्त का पंछी’, ‘ध्वंसकाल’, ‘दहन’, ‘परदेस’, ‘अपने लोग’ (उपन्यास); ‘खाँचा’, ‘मैना-तदन्त’, ‘एइ माया’ (कहानी-संग्रह)।
‘यही है ज़िन्दगी...’ उपन्यास ‘देश’ पत्रिका में धारावाहिक रूप में प्रकाशित। बहुचर्चित और बहुप्रशंसित। कई कृतियों पर फ़िल्म एवं टीवी सीरियल का निर्माण। विभिन्न देशी-विदेशी भाषाओं में अनेक रचनाएँ अनूदित।
सम्मान : ‘नंजनगुडु तिरुमलम्बा पुरस्कार’, ‘ताराशंकर पुरस्कार’, ‘साहित्य सेतु पुरस्कार’, ‘कथा पुरस्कार’ आदि कई पुरस्कारों से सम्मानित।
निधन : 12 मई, 2015