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Shankar Puntambeker

Shankar Puntambeker

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शंकर पुणतांबेकर

जन्म : 26 मई, 1925; कुंभराज (ज़िला गुना, मध्य प्रदेश)

शिक्षा : विदिशा, ग्वालियर, आगरा में। एम.ए. (हिन्दी), एम.ए. (इतिहास), पीएच.डी. (हिन्दी)

कार्य : विदिशा (म.प्र.) में अध्यापकी (1947-1960) तथा जलगाँव (महाराष्ट्र) में प्राध्यापकी (1960-85)।

प्रमुख कृतियाँ : ‘शतरंग के खिलाड़ी’, ‘दुर्घटना से दुर्घटना तक’, ‘मेरी फाँसी’, ‘गिद्ध मँडरा रहा है’, ‘कैक्टस के काँटे’, ‘प्रेम-विवाह’, ‘विजिट यमराज की’, ‘अंगूर खट्टे नहीं हैं’, ‘वदनामचा, ‘तीन व्यंग्य नाटक’, ‘व्यंग्य अमरकोश’, ‘पतनजली’, ‘बाअदब बेमुलाहज़ा’, ‘एक मंत्री स्वर्गलोक में’।

सम्मान : ‘व्यंग्य के चकल्लस’ (1994); ‘व्यंग्यश्री’ (2002) पुरस्कारों के अतिरिक्त ‘अक्षर साहित्य सम्मान’ भी प्राप्त।
निधन : 31 जनवरी, 2016

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