Rajendra Ratnesh
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डॉ. राजेन्द्र रत्नेश
सुपरिचित कथाकार और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राजेन्द्र रत्नेश साहित्य, संस्कृति, अध्यात्म और राजनीति पर लिखनेवाले क़लमकारों की उस पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं जो परम्परा और प्रगतिशीलता दोनों के बीच ‘संघर्ष’ नहीं देखते हैं। रत्नेश बहुभाषाविद् होने के साथ प्राचीन और अर्वाचीन साहित्य के अध्येता हैं। उन्होंने भाषायी पत्रकारिता में ‘अक्षरयात्रा’ के लेखन की शुरुआत कर आम पाठक को शब्द और उसके अर्थ के रस-रहस्यों का परिचय दे जो यश अर्जित किया है, उसके लिए हिन्दी पत्रकारिता में उनका अनूठा योगदान है।
इन दिनों डॉ. रत्नेश प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर और केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की एक महत्त्वाकांक्षी शोध परियोजना ‘अंग्विज्जा : अध्ययन एवं अनुवाद’ में व्यस्त हैं। वे ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘माया’ और ‘मनोरमा’ के सम्पादन-दायित्व भी निभा चुके हैं।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘वर्धमान’, ‘दया की देवी’, ‘गोशालक’, ‘निर्लेप नारायण’ (उपन्यास)।