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Gyanendrapati

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ज्ञानेन्‍द्रपति

जन्म : बिहार के झारखंड क्षेत्र के एक गाँव पथरगामा में।

प्रमुख कृतियाँ : कविता-संग्रह—‘आँख हाथ बनते हुए’ (1970), ‘शब्द लिखने के लिए ही यह काग़ज़ बना है’ (1980), ‘गंगातट’ (2000), ‘भिनसार’ (2006), ‘कवि ने कहा’ (2007), ‘मनु को बनाती मनई’ (2013); काव्य-नाटक—‘एकचक्रानगरी’; गद्य—‘पढ़ते-गढ़ते’ (2005)।

सम्‍मान : ‘साहित्‍य अकादेमी पुरस्‍कार’, ‘पहल सम्‍मान’, ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्‍मान’, ‘शमशेर सम्‍मान’।

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