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Pratinidhi Kahaniyan : Arun Prakash-Paper Back

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9788126728015
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साहित्य के मौजूदा दौर में पाठ-सुख वाली कहानियाँ कम होती जा रही हैं। इस संकलन की कहानियों में पाठ-सुख भरपूर है। लेकिन यह सुख तात्कालिक नहीं है बल्कि ये निर्विवाद कहानियाँ देर तक स्मृति में बनी रहती हैं।

लोकप्रियता और विचार-केन्द्रित कथा का मिज़ाज मुश्किल से मिलता है, पर इन कहानियों में यह सुमेल इसलिए सम्भव हो पाया, क्योंकि यहाँ पाठकों के प्रति गम्भीर सम्मान है। ये कहानियाँ पाठकों को उपभोक्ता नहीं, सहभोक्ता; श्रोता नहीं, संवादक बनने का अवसर देती हैं। इनमें विचार उपलाता नहीं, अन्तर्धारा की तरह बहता है, क्योंकि यह सृजन पाठक-लेखक सहभागिता पर टिका है।

युग की प्रमुख आवाज़ों को सुरक्षित रखना इतिहास की ज़‍िम्मेवारी है, छोटी-छोटी अनुगूँजों को सहेजना साहित्य की। मनुष्य विरोधी मूल्यों, सत्ताओं और संगठित संघर्षों की बड़ी उपस्थिति के बावजूद लघु, असंगठित और प्राय: व्यक्तिगत संघर्षों की बड़ी दुनिया है। इन कहानियों में उसी की अनुगूँजें हैं।

ये कहानियाँ किसी एक शैली में नहीं बँधी हैं, बल्कि हर कहानी का अलग और स्वतंत्र व्यक्तित्व नई भाषा, नई संरचना और आन्तरिक गतिशीलता के सहारे निर्मित किया गया है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2016
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 152p
Price ₹150.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18 X 12 X 1
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Arun Prakash

Author: Arun Prakash

अरुण प्रकाश

जन्म : 1948; बेगूसराय (बिहार)।

शिक्षा : स्नातक, प्रबन्‍ध विज्ञान और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा।

कहानी-संग्रह : ‘भैया एक्सप्रेस’, ‘जल-प्रान्‍तर’, ‘मँझधार किनारे’, ‘लाखों के बोल सहे’, ‘विषम राग’।

उपन्यास : ‘कोंपल कथा’।

कविता संकलन : ‘रात के बारे में’।

अनुवाद : अंग्रेज़ी से हिन्दी में विभिन्न विषयों की आठ पुस्तकों का अनुवाद।

अनुभव : कुछ अख़बारों, पत्रिकाओं का सम्पादन, कई धारावाहिकों, वृत्तचित्रों तथा टेलीफ़‍िल्मों से सम्बद्ध रहे। दूरदर्शन की बहुचर्चित टीवी सांस्कृतिक पत्रिका ‘परख’ के क़रीब 450 एपीसोड लिखे। ‘साहित्य अकादेमी’ की साहित्यिक पत्रिका ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ के सम्‍पादक रहे। कई स्तम्भों का लेखन। कथा-समीक्षा और आलोचना लेखन। अनेक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में सहभागिता की।

सम्मान : ‘साहित्यकार सम्मान’, हिन्दी अकादमी, दिल्ली; ‘कृति पुरस्कार’, हिन्दी अकादमी, दिल्ली; ‘रेणु पुरस्कार’, बिहार शासन; ‘दिनकर सम्मान’; ‘सुभाषचन्द्र बोस कथा सम्मान’; ‘कृष्ण प्रताप स्मृति कथा पुरस्कार’।

निधन : 18 जून, 2012

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