Hindi Natak ka Atmsangharsh-Hard Cover

Author: Girish Rastogi
Special Price ₹595.00 Regular Price ₹700.00
You Save 15%
ISBN:9788180310348
Out of stock
SKU
9788180310348

यह पुस्तक हमें विचारोत्तेजना; रचनात्मक आस्वाद, इतिहास और समीक्षा की समग्रता से उत्सुक करती है। लेखिका गिरीश रस्तोगी ने कुछ नाटक चुने हैं। ये सभी महत्त्वपूर्ण नाटक हैं जिनसे न केवल हिन्दी नाट्य साहित्य में नये प्रतिमान बने बल्कि रंगमंच की उर्वरता, सक्रियता, त्वरा और आन्दोलनकारी प्रवृत्ति का भी इतिहास बना। इन नाटकों पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है लेकिन जब ये सब एक साथ एक जगह समग्र विचार-दृष्टि के साथ होते हैं तो उनकी दूरगामी अर्थ व्यंजनाएँ अधिक सार्थक होती हैं। कुछ नाटकों से ताज़गी आयी, कुछ से विवाद उठे, कुछ अनाम पड़े रह गये, कुछ देश-व्यापी रंगमंच और समीक्षा से नहीं जुड़ पाये – ऐसे अनेक प्रश्नों, अन्तर्विरोधों, साहित्य, रंगमंच, समीक्षा के उन मोड़ों-बिन्दुओं— क्रान्तिकारी परिवर्तनों से समूची दृष्टि सम्पन्नता के साथ यह पुस्तक पहचान कराती है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2023, Ed. 5th
Pages 280p
Price ₹700.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Hindi Natak ka Atmsangharsh-Hard Cover
Your Rating
Girish Rastogi

Author: Girish Rastogi

प्रो. गिरीश रस्तोगी

जन्म: 12 जुलाई, 1935 शिक्षा: एम.ए., एम.एड., पी-एच.डी.

गतिविधियाँ भूतपूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष : : हिन्दी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर। ब्रिस्टल स्कूल ऑफ ड्रामा, लन्दन, बेल्जियम, फ्रान्स, इटली, स्विट्जरलैण्ड, रोम की सफल यात्राएँ।

प्रकाशित कृतियाँ : हिन्दी नाटक का आत्म संघर्ष, नहुष, छायावन, अपने हाथ बिकानी।

पुरस्कार : उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा 'नहुष' पर महादेवी वर्मा पुरस्कार (1989), 'आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (1992), 'हिन्दी नाटक और रंगमंच: नयी दिशायें, नये प्रश्न पर उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी से उत्कृष्ट निर्देशन के लिए पुरस्कार (1990), हिन्दी भाषा और रंगकर्म के लिए सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार (1994)।

यात्राएँ : ब्रिस्टल स्कूल ऑफ ड्रामा लंदन, बेल्जियम, फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैण्ड, रोम।

निधन : : 16 जनवरी 2015

Read More
Books by this Author
Back to Top