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Vivek Agrawal
2 Books
विवेक अग्रवाल
विवेक अग्रवाल 1985 से अपराध, क़ानून, सैन्य, आतंकवाद और आर्थिक अपराधों की खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं। बतौर अपराध संवादताता विवेक 1993 में राष्ट्रीय अख़बार 'जनसत्ता’ से जुड़े और मुम्बई माफिया पर दर्जनों खोजी रपटें प्रकाशित कीं। 'जनमत’ चैनल जो बाद में 'लाइव इंडिया’ बना, में भी लम्बी पारी खेली। मराठी चैनल 'मी मराठी’ से भी जुड़े। अपराध जगत पर उनकी विशेषज्ञता का लाभ हॉलैंड के मशहूर चैनल 'ईओ’ तथा 'एपिक’ भी उठा चुके हैं।
आपकी चर्चित किताबें—‘मुंभाई’, ‘मुंभाई रिटर्न्स’ और ‘खेल खल्लास’ है। 'अंडरवर्ल्ड बुलेट्स’ नाम से अगली किताब शीघ्र प्रकाश्य।