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Shreenarayan Sameer
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श्रीनारायण समीर
श्रीनारायण समीर का जन्म 21 मई, 1959 को चम्पारण, बिहार में हुआ। बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर से हिन्दी में बी. ए. (ऑनर्स) तथा एम. ए. और बेंगलूरु विश्वविद्यालय से ‘अनुवाद : सिद्धान्त और सृजन’ विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि। कोयला नगरी धनबाद में पत्रकारिता से पेशेवर जीवन की शुरुआत। राँची विश्वविद्यालय के पी. के. रॉय मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में सात वर्षों तक अध्यापन। केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के बेंगलूरु केन्द्र में लम्बे समय तक कार्यरत रहे। ‘कतार’ पत्रिका के प्रारम्भिक दस अंकों का सम्पादन। ‘भारत दुर्दशा’, प्रेमचंद, हजारी प्रसाद द्विवेदी और नागार्जुन के रचनाकर्म तथा स्त्री-विमर्श पर महत्त्वपूर्ण लेखन। उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘अनुवाद : अवधारणा एवं विमर्श’, ‘अनुवाद और उत्तर-आधुनिक अवधारणाएँ’, ‘अनुवाद की प्रक्रिया, तकनीक और समस्याएँ’, ‘अनुवाद का नया विमर्श’, ‘हिन्दी : आकांक्षा और यथार्थ’।
केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के निदेशक पद से अवकाश प्राप्त। फिलहाल स्वतंत्र लेखन।