Shivpujan Sahai
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आचार्य शिवपूजन सहाय
जन्म : 9 अगस्त, 1893; उनवाँस नामक गाँव (शाहाबाद) बिहार।
प्रारम्भिक शिक्षा देहाती पाठशाला में। इंट्रेंस के पहले तक उर्दू-फ़ारसी के विद्यार्थी थे। इंट्रेंस के समय उर्दू-फ़ारसी छोड़कर हिन्दी का अध्ययन शुरू किया। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण कॉलेज की शिक्षा से वंचित। 1913 में ही, बनारस की अदालती-कचहरी में हिन्दी नक़लनवीस की नौकरी की। 1914 में विभिन्न संस्थाओं में हिन्दी शिक्षक रहे। साथ ही स्थानीय सेवा-समिति के संयुक्त मंत्री तथा नागरीप्रचारिणी सभा के सहकारी मंत्री भी रहे। 1923 में ‘मर्वाला' मंडल की स्थापना हुई और वे उसमें चले आए। 1939 से 1949 तक राजेंद्र कॉलेज, छपरा में प्राध्यापक रहे। 1960 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से अलंकृत। 1962 में भागलपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट्. की मानद उपाधि।
प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ : ‘देहाती दुनिया’ (उपन्यास); ‘विभूति’ (कहानी-संग्रह); ‘वे दिन वे लोग’, ‘बिम्ब : प्रतिबिम्ब’ (संस्मरण); ‘शिवपूजन रचनावली’ (4 खंड)।
सम्पादन : ‘मारवाड़ी सुधार’, ‘आदर्श’, ‘मौजी’, ‘समन्वय’, ‘गोलमाल’, ‘माधुरी’, ‘बालक’, ‘गंगा’, ‘हिमालय’, ‘राजेंद्र अभिनन्दन ग्रन्थ’, ‘साहित्य’।
निधन : 21 जनवरी, 1963