Shivnath
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शिवनाथ
डोगरी भाषा को राष्ट्रीय फलक पर प्रतिष्ठित करनेवाले लेखकों में अग्रणी, गहरी मानवीय संवेदना से सम्पन्न विचारक और प्रशासक शिवनाथ का जन्म 18 फरवरी, 1925 को जम्मू के एक मध्यवित्त परिवार में हुआ था। गहन अध्यवसाय और अथक परिश्रम के चलते उनका चुनाव भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ। वे पोस्ट्स एंड टेलीग्राफ़ बोर्ड के सदस्य और भारत सरकार के पदेन अतिरिक्त सचिव, चौथे केन्द्रीय वेतन आयोग के सलाहकार और साहित्य अकादेमी की जनरल काउंसिल के सदस्य रहे।
साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित ‘द हिस्ट्री ऑफ़ डोगरी लिटरेचर' के अलावा उन्होंने डोगरी में बीस से ज़्यादा पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया। ‘ओह बी दिन हे' (डोगरी) उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक है। ‘जम्मू मिसलैनी' (अंग्रेज़ी) में उन्होंने जम्मू के ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक पक्षों पर तथ्यात्मक प्रकाश डाला है।
डोगरी और अंग्रेज़ी भाषाओं में उनके द्वारा लिखित, सम्पादित और अनूदित 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनके डोगरी निबन्ध-संग्रह ‘चेतें दी चितकबरी' पर उन्हें 2009 में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। साहित्य अकादेमी की दो बृहत् परियोजनाओं ‘इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ इंडियन लिटरेचर' और ‘एन एंथ्रोपोलॉजी ऑफ़ माडर्न इंडियन लिटरेचर’ के डोगरी प्रभाग से सम्बद्ध रहे।
उनका देहावसान 7 फ़रवरी, 2013 में हुआ।