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Shaligram

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शालिग्राम

जन्म : 21 मई, 1934; मुंगेर (अब खगड़िया) ज़िला अन्तर्गत पचौत गाँव में।

शैक्षणिक माहौल भागलपुर, लेकिन साहित्यिक विरासत सहरसा की भूमि पर मिली जहाँ से सन् 1963 में ‘पाही आदमी’ कहानी-संग्रह का प्रकाशन हुआ, और जिस पर महान कथाशिल्पी रेणु ने लिखा था : “हिन्दी साहित्य में आंचलिक लेखन और आंचलिकता एक विवाद का विषय बना हुआ है। शालिग्राम का कथा-संग्रह ‘पाही आदमी’ इस चर्चा-परिचर्चा के लिए प्रचुर सामग्री लेकर प्रकाशित हो रहा है...।”

फिर छिटपुट रचनाएँ ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘सारिका’, ‘नई कहानियाँ’, ‘दिनमान’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं—गद्य-लेखन के साथ-साथ कविताएँ भी। सन् 1970 में ‘सांघाटिका’ कविता-संग्रह का प्रकाशन हुआ, और उसी साल राजस्थान माध्यमिक बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल हुआ भारत-नेपाल पर लिखा एक सांस्कृतिक रिपोर्ताज ‘अटपट बैन मोरंगिया रैन’।

प्रमुख कृतियाँ : ‘पाही आदमी’ (कहानी-संग्रह); ‘सांघाटिका’ (कविता-संग्रह); ‘अटपट बैन मोरंगिया रैन’, ‘घोघो रानी कित्ता पानी’ (रिपोर्ताजीय कथा-वार्ता संग्रह); ‘किनारे के लोग’, ‘कित आऊँ कित जाऊँ’ (उपन्यास); ‘शालिग्राम की सात आंचलिक कहानियाँ’ आदि।

 

 

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