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Ripusudan Shrivastava

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रिपुसूदन श्रीवास्तव

शिक्षा : एम.ए. (दर्शन), पीएच.डी., डी.लिट्.।

लगभग 42 वर्षों तक, बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर में अध्यापन।

प्रमुख कृतियाँ : दर्शनशास्त्र में अनेक पुस्तकें (हिन्दी और अंग्रेज़ी), भोजपुरी एवं हिन्दी साहित्य— ‘उषाकिरण’ (गीत-संग्रह), ‘एक और विकल्प’ (कविता-संग्रह), ‘आग भइल जिनगी’ (भोजपुरी कविता-संग्रह), ‘आज का भोजपुरी साहित्य’ (आलोचना), ‘आगे-आगे’ (सम्पादन, भोजपुरी कविताएँ), ‘हीरा-मोती’ (सम्पादन, भोजपुरी कविताएँ)।

विदेश यात्रा : सोफ़िया विश्वविद्यालय (बुल्गारिया) में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर (1989); कोरिया में विश्व दर्शन, कांग्रेस के राउंड टेबल कॉन्फ़्रेंस के वक्ता; जेनेवा (स्विट्जरलैंड), भाषा-दर्शन पर व्याख्यान; सेमिनार—लन्दन, वियेना, पोलैंड, रोम, फ़्रैंकफर्ट (जर्मनी), फ़्रांस, बैंकॉक, सिंगापुर।

बीएनएमयू, मधेपुरा के पूर्व कुलपति रहे रिपुसूदन जी पिछले दिनों ‘बिहार गुरु सम्मान’ से नवाजे गए।

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