Ramakant
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रमाकान्त
रमाकान्त का जन्म 2 दिसम्बर, 1931 को ग्राम बरौंधा, जिला मिरजापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से 1951 में स्नातक किया। एम. ए. और एलएल. बी. दोनों की पढ़ाई अधूरी रही। जीविकोपार्जन की शुरुआत इंडियन एयरलाइन्स की नौकरी से। मन नहीं रमा तो पत्रकारिता में प्रवेश। दैनिक ‘आज’ (बनारस) और ‘जनयुग’ (नई दिल्ली) में कार्य किया। उसके बाद सोवियत सूचना केंद्र में कार्य किया। कुछ वर्षों बाद त्यागपत्र देकर स्वतंत्र लेखन और कुछ दिनों तक 'क्रासाद' नामक पाक्षिक का प्रकाशन-संपादन। ‘सोवियत भूमि’ के भी संपादक रहे।
उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘तीसरा देश’, ‘छोटे-छोटे महायुद्ध’, ‘प्यादा फर्जी अर्दब’, ‘खोई हुई आवाज’, ‘दरवाजे पर आग’, ‘उपसंस्कार’, ‘समाधान’, ‘टूटते जुड़ते स्वर’, ‘जुलूस वाला आदमी’ (उपन्यास); ‘जिन्दगी भर का झूठ’, ‘उसकी लड़ाई’, ‘कोई और बात’, ‘कार्लो हब्शी का सन्दूक’, ‘बीच के बीस बरस’ (कहानी-संग्रह)।
हिन्दी और रूसी साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 1969 में ‘सोवियत लैंड नेहरू सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
6 सितम्बर, 1991 को उनका निधन हुआ।